मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), जयपुर ने राजस्थान के पत्रकारों के लिए एक विशेष प्रेस यात्रा का आयोजन किया। इस सात दिवसीय यात्रा का मुख्य उद्देश्य पत्रकारों को सरकार की विभिन्न विकास परियोजनाओं, औद्योगिक प्रगति और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराना था। पत्र सूचना कार्यालय के 2 अधिकारी – कर्मचारी व 13 पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 24 सितंबर से 30 सितंबर, 2025 तक गुजरात के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा किया।

पत्रकारों ने वडनगर स्थित उस विद्यालय का दौरा किया जिसमें प्रधानमंत्री ने की थी प्रारम्भिक शिक्षा
यात्रा के पहले दिन, 24 सितंबर, 2025 को, पत्रकारों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गृहनगर वडनगर का दौरा किया और बारहवीं शताब्दी में निर्मित कीर्ति तोरण की स्थापत्य कला का अवलोकन किया, जो एएसआई के अंतर्गत एक स्मारक है। इसके पश्चात पत्रकारों ने वडनगर स्थित उस विद्यालय का दौरा किया जिसमें प्रधानमंत्री ने प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की थी। शाम को, उन्होंने अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया और गुजरात की सांस्कृतिक पहचान, गरबा नृत्य का आनंद लिया।

अमूल कंपनी और ग्रामीण प्रबंधन संस्थान का भी किया दौरा >>>
दूसरे दिन, प्रतिनिधिमंडल ने केवड़िया स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का दौरा किया, जो राष्ट्र निर्माता सरदार पटेल को समर्पित दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा है, जो सिर्फ़ एक प्रतिमा नहीं, बल्कि एक एकीकृत पर्यटन स्थल और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। रात में, उन्होंने वडोदरा स्थित लक्ष्मी विलास पैलेस हेरिटेज गरबा का आनंद लिया। अगले दिन, उन्होंने आणंद स्थित अमूल कंपनी और ग्रामीण प्रबंधन संस्थान (आईआरएमए) का दौरा किया और ग्रामीण सशक्तिकरण की वैश्विक सफलता की कहानी और श्वेत क्रांति के माध्यम से प्राप्त सहकारी ढाँचे का अध्ययन किया।
अहमदाबाद स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से हुए रूबरू >>>
आणंद से लौटने के बाद, अहमदाबाद स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दौरे के दौरान, पत्रकारों ने इसरो के संचालन और उपलब्धियों के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की। इस दौरान, पत्रकारों को चंद्रयान और मंगलयान जैसे अभियानों की सफलता के बारे में जानकर गर्व महसूस हुआ और उन्होंने इसरो निदेशक श्री नीलेश देसाई से बातचीत की। दोपहर में, उन्होंने साबरमती रिवरफ्रंट का दौरा किया, जहाँ उन्होंने नगर आयुक्त और साबरमती रिवरफ्रंट विकास परियोजना के प्रबंध निदेशक, श्री बंछानिधि पाणि (आईएएस) के साथ परियोजना पर चर्चा की और अटल ब्रिज का दौरा किया। साबरमती रिवरफ्रंट और अटल ब्रिज के दौरे के दौरान, उन्होंने शहरी विकास और नागरिक सुविधाओं का एक उत्कृष्ट मॉडल देखा।

लोथल में हड़प्पा सभ्यता के अवशेषों का लिया जायजा >>>
इसके बाद, रविवार को प्रतिनिधिमंडल ने धोलेरा में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी परियोजना का अध्ययन किया। इसके बाद, उन्होंने लोथल में हड़प्पा सभ्यता के अवशेषों को देखा और वहाँ विकसित की जा रही पर्यटन परियोजना का गहन अध्ययन किया।
अगले दिन, पत्रकारों ने गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) और भारत के पहले स्मार्ट बिज़नेस पार्क, गिफ्ट सिटी का दौरा किया, ताकि वहाँ के अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे और संचालन प्रक्रियाओं को समझा जा सके।

श्री धर्मेश भारती एवं श्री छविकांत शर्मा रहे शामिल >>>
इस प्रतिनिधिमंडल में फर्स्ट इंडिया से सुश्री रचना सिंह, जन टीवी से श्री योगेंद्र शर्मा, राजस्थान चौक से श्री अंकित तिवारी, पंजाब केसरी से श्री विशाल सूर्यकांत, राजस्थान पत्रिका से श्री अश्विनी भदौरिया, दैनिक नवज्योति से श्री सौरभ पंथारी, हिंदुस्तान समाचार से श्री ईश्वर बैरागी, जी टीवी से सुश्री नेहा जोशी, समाचार जगत से श्री राजेश शर्मा, टीवी 18 से श्री रोशन शर्मा, प्रातःकाल से श्री कुश गोयल, भास्कर डिजिटल से श्री शिवम ठाकुर और हुकुमनामा से श्री वैभव लोढ़ा शामिल थे। पत्र सूचना कार्यालय से श्री धर्मेश भारती एवं श्री छविकांत शर्मा शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति से की मुलाकात >>>
यात्रा के अंतिम दिन, 30 सितंबर, 2025 को, सुबह कोचरब आश्रम का दौरा करने के बाद, प्रतिनिधिमंडल ने गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) का दौरा किया और कुलपति से मुलाकात की। शाम को, उन्होंने राजभवन में गुजरात के राज्यपाल, श्री आचार्य देवव्रत से शिष्टाचार भेंट की।
सात दिवसीय प्रेस यात्रा में गुजरात विकास मॉडल का गहन अध्ययन >>>
इस सात दिवसीय प्रेस यात्रा के दौरान, राजस्थान के पत्रकारों ने गुजरात के विकास मॉडल का गहन अध्ययन किया और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में व्यापक जानकारी प्राप्त की, जिसके बाद वे राजस्थान लौट आए। यह यात्रा गुजरात और राजस्थान के बीच सूचना और ज्ञान के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण सेतु साबित हुई।

