सभी थानेदार पहुंचे किरोड़ी के पास : लगाई गुहार, नहीं हो भर्ती रद्द

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मीनेष चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। राजस्थान में पहली बार राजस्थान पुलिस अकेडमी (Rajasthan Police Academy) में ट्रेनिंग ले रहे सभी सब-इंस्पेक्टर शुक्रवार को कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के आवास पर पहुंचे और भर्ती रद्दी नहीं होने की गुहार लगाई।


कमेटी में शामिल करवा दो, अकेला ही फैसला कर दूंगा :-
डॉ किरोड़ी लाल मीणा से मुलाकात कल में पहुंचे सभी ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों ने गुहार लगाई कि हमने ईमानदारी से परीक्षा पास की है। आज सभी हमें शक की नजर से देखते हैं। केवल आप ही हमारा सम्मान और इज्जत बचा सकते हो। इस पर डॉक्टर मीणा ने सब-इंस्पेक्टरों से कहा – ” मुझे एसआई परीक्षा पर फैसला लेने वाली कमेटी में शामिल करवा दीजिए, अकेला ही फैसला ले लूंगा।” यह बात सुनते ही सभी सब इंस्पेक्टर एक दूसरे की तरफ देखने लगे।


जिसने गलत नहीं किया, उसे डरने की जरूरत नहीं :-
सभी नए थानेदारों ने किरोड़ी लाल को अवगत कराया कि – हमें एडीजी वीके सिंह ने कहा था कि जिसने गलत नहीं किया। उसे डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन आज नौबत भर्ती परीक्षा के रद्द होने तक पहुंच गई है। इससे हमारी नींद उड़ी हुई है। हमारे परिवार वाले घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। दरअसल, एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में धांधली, पेपर लीक, डमी कैंडिडेट को लेकर एसआईटी अब तक 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं किरोड़ीलाल मीणा इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे थे। ट्रेनी एसआई ने आज अपने परिजनों के साथ किरोड़ीलाल मीणा से मिलकर भर्ती को रद्द नहीं करने की गुहार लगाई। जिस कारण डॉक्टर किरोडी लाल मीणा असमंजस में पड़ गए।


तुम्हें यह सब एक महीने पहले बताना चाहिए था – डॉक्टर मीणा
सभी ट्रेनी एसआई ने कहा – आपका स्टेटमेंट कमेटी के स्टेटमेंट से ऊपर है। आपने कह दिया मानो सरकार ने कह दिया। हम नहीं जानते कि यह सब कैसे होगा, लेकिन हमें आपसे न्याय की उम्मीद है। हम सभी ने ईमानदारी से परीक्षा दी है। हमने कोई गलत काम नहीं किया। उनकी पीड़ा देखकर डॉक्टर मीना बोले – तुम्हें यह सब एक महीने पहले बताना चाहिए था, लेकिन फिर भी मैं तुम्हारी बात सरकार के सामने रखूंगा। मैं हमेशा से ईमानदार और मेहनती लोगों के साथ रहा हूं। मेरी लड़ाई भ्रष्टाचार और पेपर माफिया के खिलाफ है।


कई थानेदारों ने बताई अपनी दुख भरी पीड़ा :-
तीन महीने से घर नहीं गया, मेरी मां ने मजदूरी करके पढ़ाया। इसी प्रकार रेनवाल के रहने वाले ट्रेनी एसआई ने किरोड़ी से कहा- मेरी 5 साल की बेटी है। मैने उससे वादा किया था कि अगर थानेदार बनकर आऊंगा तो तुझे अच्छी साइकिल दिलाऊंगा। आज शर्म के चलते मैं 3 महीने से घर नहीं गया हूं। समाज के सामने जाने पर हमें शर्म आती है।
एसआई नौकरी के लिए स्टेशन मास्टर की नौकरी छोड़ी :-
एक ट्रेनी एसआई ने कहा- मैंने इस नौकरी के लिए स्टेशन मास्टर की नौकरी छोड़ दी। एक महिला ट्रेनी एसआई बोली कि मेरे पिता 8 साल से बीमार हैं। मेरी मां ने मजदूरी करके मुझे पढ़ाया है। मेरे पीछे मेरी तीन छोटी बहने हैं। मेरी नौकरी लगने पर उन्हें उम्मीद थी कि मैं उन्हें पढ़ाऊंगी। अब इस स्टेज पर आकर ऐसा हो रहा है। आप ही बताइए क्या होगा मेरे परिवार का।
सभी की पीड़ा देखकर डॉक्टर किरोडी लाल मीणा का दिल पसीज गया और उन्होंने आश्वासन दिया कि मैं सरकार से बात करूंगा। जहां तक कोशिश होगी, आपके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।