मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। मालवेयर और साइबर धोखाधड़ी लगभग नेट बैंकिंग या नेट से संबंधित काम करने वाले सभी लोग शिकार हो सकते हैं। जी हां, यह बात पूरे सौलह-आने सही है। लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पुलिस महकमा रात-दिन नए-नए प्रयोगों पर अमल कर रहा है।
राजस्थान पुलिस ने दी ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का उपयोग करने की सलाह >>>
गौर तलब है कि राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने मालवेयर हैकिंग और साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी कर ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का उपयोग करने की सलाह दी है। इस एडवाइजरी का उद्देश्य लोगों को संभावित साइबर हमलों से सचेत करना और उनसे बचने के उपाय बताना है।

नकली वेबसाइट, मैलवेयर और फिशिंग हमलों का उपयोग करके लोगों को निशाना बना रहे हैं साइबर अपराधी >>>
एसपी साइबर क्राइम श्री शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी नकली वेबसाइट, मैलवेयर और फिशिंग हमलों का उपयोग करके लोगों को निशाना बना रहे हैं। ये हमले आमतौर पर स्मार्टफोन, लैपटॉप, बैंकिंग ऐप्स या सोशल मीडिया के माध्यम से लिंक भेजकर किए जाते हैं। एक बार जब उपयोगकर्ता इन लिंक पर क्लिक करता है तो मैलवेयर उसके डिवाइस में प्रवेश कर जाता है जिससे उसकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी खतरे में पड़ जाती है।

एप की रिपोर्ट के अनुसार रिमूव या डिलीट बटन दबाकर कर सकते हैं अपना बचाव >>>
एडवाइजरी में ऐसे हमलों से बचने के लिए एक सरल और प्रभावी तरीका ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का उपयोग सुझाया गया है। इसके लिए अपने मोबाइल या कंप्यूटर में ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप ओपन करें और मुख्य स्क्रीन पर ‘स्कैन’ का विकल्प चुनें। फुल स्कैन विकल्प पर टैप करें, स्कैन पूरा होने पर ऐप एक रिपोर्ट दिखाएगा जिसमें पाए गए बॉट्स, मैलवेयर या संदिग्ध फ़ाइलों की जानकारी होगी। रिपोर्ट के आधार पर आप रिमूव या डिलीट बटन दबाकर इन हानिकारक फ़ाइलों को हटा सकते हैं। हमेशा फुल स्कैन करने से आपकी डिवाइस सुरक्षित रहेगी।
साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते ही तुरंत करें निकटतम पुलिस स्टेशन में शिकायत >>>
इसके साथ ही एडवाइजरी में बताया गया है कि किसी भी साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते ही तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करवाएं। इसके अतिरिक्त साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर हेल्पडेस्क नंबर 9256001930/9257510100 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

