सरकार के गले की फांस बन गई SI भर्ती परीक्षा : इधर पड़े तो कुआं, उधर पड़े तो खाई

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मीनेष चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। रविवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर आज बड़ी संख्या में ट्रेनी SI के परिवार जयपुर के जन शहीद स्मारक पर दे रहे हैं। परिवार वालों की मांग है कि सरकार इस परीक्षा को निरस्त न करे। जो लोग गलत तरीके से इस परीक्षा को पास कर ट्रेनिंग कर रहे हैं, उनके खिलाफ सरकार कठोर कार्रवाई करे। बेकसूरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए। एसआई के परिजनों ने सीएम से मिलने का समय भी मांगा है। इनके पक्ष में तमाम संगठन भी आ गए हैं। इस प्रकार SI भर्ती परीक्षा 2021 सरकार के गले की फांस बन गई।


सरकार के लिए इधर पड़े तो कुआं, उधर पड़े तो खाई ।
राजस्थान सरकार को यह बात समझ में आई।।
एक तरफ जननायक डॉक्टर किरोडी लाल मीणा SI भर्ती परीक्षा को रद्द करने पर तुले हुए हैं तो तो दूसरी तरफ कठिन मेहनत से सफल हुए SI ट्रेनी के परिवारजन SI भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करने की मांग को लेकर सरकार की पक्ष में जय जयकार किनारे लगा रहे हैं। हालांकि अभी तक SI भर्ती परीक्षा को लेकर बनाई गई छह सदस्य मंत्रियों की कमेटी ने कोई डिसीजन नहीं लिया है।


मामला उल्टा पड़ने की प्रबल संभावना :-
राजस्थान सरकार द्वारा SI भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर 6 मंत्रियों की कमेटी को फैसला (रद्द करना है या नहीं) करना है। कमेटी बनने के बाद से ही ट्रेनिंग कर रहे एसआई परेशान हैं। ट्रेनिंग कर रहे एसआई का कहना है कि भर्ती परीक्षा 2021 में कुल 859 अभ्यर्थी पास हुए। इनकी ट्रेनिंग जयपुर आरपीए, किशनगढ़ और जोधपुर ट्रेनिंग सेंटर में चल रही है। इनमें से 50 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये कुल पास अभ्यर्थियों का 5% है। अगर परीक्षा रद्द होती है तो शेष 95% ट्रेनी एसआई का भविष्य खराब हो जाएगा। जीवन के चार साल खत्म हो जाएंगे। ये ट्रेनी एसआई कुछ सामाजिक संगठनों के जरिए अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि भर्ती रद्द हुई तो 809 का करियर खतरे में पड़ जाएगा। गलती राजस्थान लोक सेवा आयोग की है, जिसे क्यों भुगते। प्रदर्शन में पहुंचीं दृष्टि चौहान कहती हैं- एक साल से मेरा भाई ट्रेनिंग कर रह है। दिन-रात मेहनत कर रहा है। त्योहार पर भी घर नहीं आ पाता। एसओजी की जांच में आया कि पेपर लीक हुआ तो उसका दोष निर्दोष को क्यों दिया जाए। आरपीएससी की गलतियों की सजा निर्दोष क्यों भुगतें।


सभी के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता :-
प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर ने सालों मेहनत करके इस पद को हासिल किया है। एक साल से अधिक का समय ट्रेनिंग करते हुए हो गया है। अगर यह भर्ती रद्द की गई तो ईमानदार और मेहनत से बने एसआई के साथ गलत होगा। सभी के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता।


आंदोलनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट का दिया हवाला :-
शहीद स्मारक पर पहुंचे ट्रेनी एसआई का कहना है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी NEET परीक्षा के बारे में नकल से सिलेक्ट हुए अभ्यर्थियों को ही बाहर किया। पूरी चयन प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया गया। फर्जी तरीके से सिलेक्ट हुए बहुत से अभ्यर्थी जेल में हैं। SOG जांच पूरी करे। फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ा जाए, उनके स्थान पर मेरिट में नीचे वालों को लिया जाए। अब इस भर्ती को निरस्त करने का अर्थ है योग्य व ईमानदार को सजा देना। जिस किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता।