मीनेष चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। राजस्थान में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए लंबी उठा-पटक के बाद आखिरकार कांग्रेस ने सभी प्रत्याशी घोषित सातों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पूरे देश की नजर दौसा विधानसभा सीट पर थी। जहां सामान्य सीट पर पहली बार एससी एसटी के प्रत्याशी आमने-सामने होंगे।
गौर तलब है कि कांग्रेस ने देर रात राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस ने सातों सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। झुंझुनूं से वर्तमान सांसद के बेटे को मैदान में उतारा गया है। वहीं, रामगढ़ विधानसभा सीट से आर्यन जुबेर को टिकट मिला है। वे पूर्व विधायक जुबेर खान के बेटे हैं। पार्टी ने सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर गठबंधन की चर्चाओं को खत्म कर दिया है। भाजपा नेता सवाई सिंह चौधरी ने पत्नी को कांग्रेस का टिकट मिलते ही रातोंरात पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। यह भाजपा को चौंकाने वाली बात है।
जनरल सीट पर SC और ST के उम्मीदवार आमने-सामने :-
उपचुनावों की सबसे हॉट सीट दौसा में डीसी बैरवा को नए चेहरे के तौर पर मौका दिया गया है। बीजेपी ने यहां से डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया है। इस सीट पर कांग्रेस ने एससी जबकि भाजपा ने ST उम्मीदवार उतारा है। दौसा की सीट जनरल है जबकि यहां एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। इसके चलते सामान्य वर्ग के वोटर्स का एक तबका नाराज है।
भाजपा 6 सीटों पर पहले ही प्रत्याशी कर दिए थे घोषित :-
आपको बता दे, करीब चार दिन पहले भाजपा भी उपचुनाव के लिए पहली लिस्ट जारी कर चुकी है। इसमें उसने 6 सीटों पर कैंडिडेट की घोषणा की थी। चौरासी सीट पर पार्टी ने प्रत्याशी अब तक घोषित नहीं किया है। जबकि उपचुनाव में नामांकन की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है।
रोचक बात : पत्नी को टिकट मिलते ही भाजपा से इस्तीफा
मजे की बात है कि खींवसर सीट पर कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से गठबंधन नहीं करके खुद का उम्मीदवार उतार दिया है। खींवसर सीट से सवाई सिंह चौधरी की पत्नी रतन चौधरी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। सवाई सिंह पिछली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में चले गए थे, लेकिन कांग्रेस ने उनकी पत्नी को उपचुनाव में टिकट दिया है। रतन चौधरी डॉक्टर रह चुकी हैं। भाजपा नेता सवाई सिंह चौधरी ने पत्नी रतन चौधरी को टिकट मिलते ही बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने देर रात ही इसकी घोषणा कर दी। जिससे भाजपा में खलबली मच गई।
खेल खेला कांग्रेस ने सहानुभूति कार्ड का :-
जिस प्रकार भाजपा ने सलूंबर से पूर्व विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी को कैंडिडेट बनाया है, ठीक उसी प्रकार कांग्रेस ने कांग्रेस ने रामगढ़ से दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन खान को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड चला है। दोनों ही सीट विधायकों के निधन के कारण खाली हुई हैं।
आपको याद होगा अशोक गहलोत राज के समय भी हुए उप चुनाव के दौरान कांग्रेस ने दिवंगत विधायकों के परिवारों से ही टिकट दिए थे और उनमें से सभी जीते थे। झुंझुनू से सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को टिकट दिया है। इन दो सीटों पर नेताओं के परिवारों से ही टिकट दिए गए हैं।
वरिष्ठ नेता ताराचंद भगोरा का टिकट काटा :-
कांग्रेस ने चौरासी सीट से महेश रोत को युवा चेहरे के तौर पर मौका दिया गया है। महेश रोत छात्र नेता रहे हैं, पहले NSUI और फिर यूथ कांग्रेस में रहे। इस सीट पर पिछली बार के उम्मीदवार और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ताराचंद भगोरा का टिकट काट दिया गया है।
रघुवीर मीणा का टिकट कटा : रेशमा का विरोध शुरू :-
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलूंबर से लगातार चुनाव हारे रघुवीर मीणा का उपचुनाव में टिकट काट दिया गया है। सलूंबर से 2018 में बागी होकर चुनाव लड़ी रेशमा मीणा को इस बार उम्मीदवार बनाया है, वे प्रधान भी रह चुकी हैं। इधर, सलूंबर से रेशमा मीणा के नाम का ऐलान होते ही पार्टी में विरोध शुरू हो गया है।
अध्यक्ष गणेश चौधरी ने दिया इस्तीफा :-
विरोध के सुर इतने जोरदार थे कि सराड़ा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गणेश चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पत्र लिखकर इस्तीफा भेज दिया। इस्तीफे में लिखा कि जिसने पूर्व में रघुवीर सिंह मीणा को हराने का काम किया, उसी को पार्टी ने टिकट दिया है। ऐसे में हम पार्टी का साथ नहीं दे सकते। इससे पार्टी में हलचल मच गई।