किसान 6 अक्टूबर को जयपुर में आयोजित अन्नदाता हुंकार रैली में जुटेंगे

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मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख

जयपुर। राजस्थान की धरती पर एक बार फिर अन्नदाताओं की हुंकार गूंजने वाली है। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में राज्यभर के किसान 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को जयपुर में आयोजित अन्नदाता हुंकार रैली में जुटेंगे।

रैली का मकसद है – खेत को पानी, फसल को दाम और युवाओं को काम >>>

इस ऐतिहासिक रैली की तैयारी को लेकर प्रदेश के हर जिले में हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में 18 जून को खैरथल तिजारा जिले के ग्राम बमोरा में प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक संपन्न हुई, जिसमें जिला खैरथल-तिजारा, कोटपुतली-बहरोड़ और अलवर जिले के पदाधिकारियों ने भाग लिया। तय किया गया कि जिले की छह तहसीलों में किसान प्रतिनिधि गांव-गांव पदयात्राएं कर रैली के लिए समर्थन जुटाएंगे। आज 19 जून को हरसोली तहसील से पहली पदयात्रा तहसील अध्यक्ष शेर सिंह के नेतृत्व में शुरू हो गई है। इस यात्रा में जिला उपाध्यक्ष पूरणदादा, खेमचंद चौधरी, नवनियुक्त जिला उपाध्यक्ष सूबेदार मोहन सिंह, हरसोली परगना अध्यक्ष जीतराम चौधरी, झाड़ के सरपंच शीशराम चौधरी व दीपक भी शामिल हैं। कल 20 जून से मुंडावर तहसील में यात्रा प्रारंभ होगी, जिसकी अगुवाई तहसील अध्यक्ष रामभरोसी यादव करेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रोतास बोहरा भी किसानों को संबोधित करेंगे।

अलवर में भी गरजे किसान >>>

अलवर जिले के नवनियुक्त अध्यक्ष फूल सिंह जाटव ने गांव नसोपुर में किसान सम्मेलन आयोजित कर कार्यभार संभाला। इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट, प्रदेश अध्यक्ष मुसद्दीलाल यादव, प्रदेश मंत्री बत्तीलाल बैरवा, युवा प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी पिंटू, मीडिया प्रभारी सुरेश बिजारणिया, खैरथल तिजारा जिला अध्यक्ष वीरेंद्र क्रांतिकारी सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। सम्मेलन में सभी किसानों ने 6 अक्टूबर की हुंकार रैली में शत-प्रतिशत भागीदारी का संकल्प लिया।


कोटपुतली-बहरोड़ में भी तैयारियां तेज >>>

कोटपुतली-बहरोड़ जिले की बैठक का आयोजन युवा प्रदेश उपाध्यक्ष संदीप यादव करेंगे, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मुसद्दीलाल यादव विशेष रूप से भाग लेंगे। प्रदेशभर में इसी तरह की बैठकें और यात्राएं लगातार आयोजित की जा रही हैं।

रैली का संकल्प किसान समस्याओं का समाधान >>>

जयपुर स्थित किसान भवन में 6-8 जून को हुई दो दिवसीय कार्यशाला में रैली के मुख्य मुद्दों पर सर्वसम्मति बनी। राष्ट्रीय, प्रदेश और जिला स्तर के सभी प्रमुख पदाधिकारियों ने इन समस्याओं पर संघर्ष करने का संकल्प लिया :–

# न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए।

# PM-आशा योजना में सुधार दलहन व तिलहन फसलों की दाना-दाना खरीद सुनिश्चित हो, खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता व 3 दिन में भुगतान अनिवार्य हो।

# भूमि रूपांतरण समाप्ति किसान को अपनी जमीन पर उद्योग लगाने के लिए भूमि रूपांतरण की अनिवार्यता समाप्त की जाए।

# ईआरसीपी का क्रियान्वयन पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के अधूरे कार्य जल्द पूरे हों।

# विस्थापन व पुनर्वास परियोजनाओं से विस्थापित किसानों को पूरा मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था मिले।

# फसल बीमा योजना में सुधार किसानों को आपदा राहत व फसल बीमा योजना का वास्तविक लाभ मिले।

पूर्णकालिक और अंशकालिक कार्यकर्ताओं की सूची भी बनी >>>

रैली की सफलता के लिए कई प्रदेश व जिला पदाधिकारियों ने पूर्णकालिक कार्य करने की घोषणा की है। बानसूर, शाहपुरा, करौली, टोंक, कोटपुतली-बहरोड़, निवाई, सांभर, नीम का थाना और मालाखेड़ा जैसे स्थानों से किसान नेता पूरी ताकत से लगे रहेंगे।

इसके अलावा अंशकालिक कार्यकर्ताओं के लिए भी कार्यदिवस तय कर जिम्मेदारी दी गई है, ताकि हर गांव में रैली की तैयारी सुनिश्चित की जा सके। राजस्थान के 41 जिलों, 365 पंचायत समितियों, 11,194 ग्राम पंचायतों व 43,264 गांवों में किसान महापंचायत की इकाई स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया है। शुरुआत जिला खैरथल तिजारा, टोंक, अजमेर, अलवर, सीकर, जयपुर व बारां की तहसीलों से होगी।

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