सड़क खराब होने पर तुरंत करो शिकायत !! अफसर पर होगी कार्यवाही

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मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख

जयुपर। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को विशेष अभियान चला कर दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत, अतिक्रमण हटाने, स्पीड ब्रेकर ठीक करवाने, जेबरा क्रोसिंग, साईनेंज सहित अन्य आवश्यक सुविधायें विकसित करने के निर्देश दिए है। उपमुख्यमंत्री गुरुवार को निर्माण भवन में आयोजित समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थी।



हर सात दिन में देनी होगी निरीक्षण रिर्पोट –

उपमुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को नियमित फिल्ड विजिट कर सड़कों की गुणवत्ता जांच करने के निर्देंश दिए है। उन्होनें निर्देश दिए है कि अधिकारी जिन सड़कों का निरीक्षण करेंगे उसकी रिर्पोट हर सात दिन में प्रस्तुत करेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि निरीक्षण की गई सड़कों की गुणवत्ता खराब मिलेगी तो निरीक्षण करने वाले अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि कार्बन फुट प्रिंट कम करने के लिए सड़क निर्माण में पर्यावरण हितैषी सामग्री का इस्तेमाल करें। उन्होनें बायो बिटूमिन का प्रयोग कर एक सड़क पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए है।

डीपीआर निर्माण सेंट्रलाइज्ड हो, ताकि प्रोजेक्टस समय पर पूरे हो –

उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि बजट घोषणाओं सहित अन्य योजनाओं के तहत बनने वाले पुल, सड़क आदि की डीपीआर बनाने का कार्य सेंट्रलाइज्ड किया जाये ताकि समय पर प्रोजेक्टस को शुरू करवाकर उन्हें तय अवधि में पूरा किया जा सकें। उन्होंने कहा प्राय: देखने में आता है कि स्थानीय स्तर पर डीपीआर बनाने के काम में देरी होने की वजह से काम समय पर शुरू नहीं हो पाते है और जनता को उसका तय समय पर लाभ नहीं मिल पाता है।



अभियान के दौरान दुर्घटनाएं कम करने के लिए यह कार्य होंगे –

सड़क पर दृश्यता बढ़ाने के उद्देश्य से सड़क के शोल्डर्स की जंगल क्लियरेंस के  कार्य, ⁠सड़क भूमि पर अतिक्रमण हटाने हेतु जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर आवश्यक कार्यवाही, ⁠अनाधिकृत मीडियन कट को बंद किया जाना, रोड साइनेज व लेन मार्किंग के कार्य को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करना, जंक्शन्स पर कैट्स ऑय लगाने व रम्बल स्ट्रिप्स के कार्य, ⁠घुमंतू जानवरों की रोकथाम हेतु स्थानीय निकाय से समन्वय कर सड़को से दूर करना तथा एनजीओ अथवा रक्षा मित्र के साथ मिलकर कालर रिफ्लेक्टर लगाने सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य किए जायेगें। इसके साथ ही सड़क मिडियन पर लगे पेड़ों की ऊँचाई एक निश्चित हाईट के बाद छंटाई करवाने के कार्य भी किए जायेगें।

कार्यक्रम में गणमान्य लोक उपस्थित –

उपमुख्यमंत्री ने नोन पेचेबल, पेचेबल सड़को, बजट घोषणाओं कि क्रियान्विति सहित विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान राज्य मंत्री डॉ. मजू बाघमार, प्रमुख शासन सचिव प्रवीण गुप्ता, शासन सचिव डी आर मेघवाल, मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव टी सी गुप्ता सहित सभी मुख्य अभियंता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं वीसी के माध्यम से सभी अधीक्षण अभियंता उपस्थित रहे।

बारिश से खराब सड़कों की मरम्मत के लिए 965 करोड़ रुपये स्वीकृत –

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बताया कि वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थाई मरम्मत के लिए 964.43 करोड़ रुपये की वित्तिय स्वीकृति जारी कर दी गई है इस राशि से प्रदेश में वर्षा से क्षतिग्रस्त लगभग 2328 कार्यों की स्थायी मरम्मत करवाई जायेगी। इस राशि से सड़क पुल आदि की मरम्म्त करवाई जायेगी।

अब देखना होगा कि क्या सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों की पालना होती है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। क्योंकि इससे पहले भी सरकार कई बार संबंधित अफसरों पर जिम्मेदारी तय की गई थी, लेकिन अब तक किसी सरकारी अफसर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बहरहाल, वाकई सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना होती है, यदि होती है तो किस हद तक होती है, यह सब भविष्य की गर्त में छिपा हुआ है।

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