सरकार की बैठक में एससी एसटी की जमीन हड़पने का प्रस्ताव पास : नियमों में हुआ संशोधन

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मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। राजस्थान सरकार ने उपचुनावों की आचार संहिता की बाद 30 नवंबर को पहली बार कैबिनेट और मंत्री परिषद की बैठक हुई। जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों की कानून से प्रतिबंधित काश्त भूमि को गैर एससी एसटी जाति के व्यक्तियों को लीज पर देने का प्रस्ताव पास कर दिया है। भजनलाल सरकार ने बाकायदा नियमों में संशोधन भी कर दिया गया है।


एससी-एसटी के किसानों की जमीन अब ले सकेंगे लीज पर  : एक प्रकार का षड्यंत्र
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार की कैबिनेट और मंत्री परिषद की बैठक शनिवार को संपन्न हुई। बैठक में लिए दिए गए प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान प्रदेश में अब एस एसटी के किसानों की जमीनें लीज पर ली जा सकेगी। कैबिनेट ने लैंड कन्वर्जन रूल्स-2007 में संशोधन को मंजूरी दी है। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि अभी एससी-एसटी वर्ग के व्यक्तियों को राजस्थान भू-राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन) नियम-2007 के नियम 6 (बी) का लाभ नहीं मिल पाता है। काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 42-बी के प्रावधानों के कारण एससी-एसटी के किसान अपनी खेती की जमीन को सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए लीज पर नहीं दे सकते हैं। अब लैंड कन्वर्जन रूल्स-2007 में संशोधन के बाद एससी-एसटी के किसान जमीन लीज पर दे सकेंगे।


गैर एससी-एसटी वर्ग के लोगों को कब्जा प्रतिबंधित हैं तो मालिकाना हक कैसे
आपको बता दे,  राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 183-बी के अनुसार कोई भी गैर एससी-एसटी का व्यक्ति अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की काश्त भूमि पर कब्जा नहीं ले सकता है तो किस आधार पर लीज पर दे सकते हैं। एससी-एसटी के किसानों की काश्त भूमि पर कब्जा गैर एससी-एसटी वर्ग के लोग नहीं कर सकते हैं तो मालिकाना हक कैसे दिया जा सकता है। यदि राजस्थान सरकार एससी-एसटी के किसानों का भला चाहती है तो उन्हें निशुल्क लैंड कन्वर्जन करके उन्हें अपने उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए सरकार अपनी क्रेडिट पर ऋण उपलब्ध करवाएं, ताकि एससी-एसटी के किसान अपने परिवार का भविष्य उज्जवल कर सके।


यह कहना गलत ना होगा कि कानून में जब तक संशोधन नहीं होता है तब तक ऐसा नहीं किया जा सकता। एक तरह से यह प्रस्ताव अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों की जमीन हड़पने का षड्यंत्र है। लीज पर लेने के बहाने एससी-एसटी की काश्त भूमि को आसानी से गैर एससी-एसटी के लोग हथिया सकेंगे।