राजस्थान में जलग्रहण यात्रा का शुभारम्भ आज से :: 27 जिलों की 214 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरेगी

0
2
Oplus_131072

मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख

जयपुर। केंद्र सरकार द्वारा जलग्रहण विकास के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत वाटरशेड यात्रा का राज्य स्तरीय कार्यक्रम बारां जिले की किशनगंज  ग्राम पंचायत में 5 फरवरी को प्रातः 11.00 बजे से प्रारम्भ होगा।

यात्रा का उद्देश्य जलग्रहण गतिविधियों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाना —

मो. जुनैद पीपी, निदेशक, जलग्रहण विकास एवं मृदा संरक्षण ने बताया कि जलग्रहण यात्रा के आयोजन का उद्देश्य जलग्रहण गतिविधियों की जानकारी जन-जन को देना, इससे होने वाले लाभों के बारे में अवगत कराना तथा परियोजना से जुड़ाव सुनिश्चित करना है। यह यात्रा राज्य में दो रथों द्वारा पृथक-पृथक मार्गों से 27 जिलों की 107 परियोजनाओं के अन्तर्गत 214 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरेगी तथा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करेगी।



कार्यक्रम का लाईव टेलीकास्ट  —

निदेशक ने बताया कि इस कार्यक्रम में स्थानीय जन प्रतिनिधिगण भाग लेंगे एवं  केन्द्रीय मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली का कार्यक्रम लाईव प्रसारित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि शुभारम्भ समारोह में अनेकानेक गतिविधियां सम्पादित की जाएगी, जिनमें नवीन कार्य का भूमि पूजन, श्रमदान, वानिकी एवं उद्यानिकी पौधों का वृक्षारोपण, पूर्ण कार्यों का लोकार्पण, जलग्रहण गीत, जल शपथ, कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिये विभूतियों का सम्मान, प्रदर्शनी, जलग्रहण गैलेरी इत्यादि सम्मिलित है।



राज्य में कुल 149 परियोजनाएं 7.50 लाख हैक्टेयर हेतु स्वीकृत

उन्होंने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 से मार्च 2026 तक के लिये राज्य में कुल 149 परियोजनाएं 7.50 लाख हैक्टेयर हेतु स्वीकृत की गई है, जिनकी लागत 1858.55 करोड़़ रुपये है।

परियोजना में प्रदेश के 985 गांव शामिल —

मो. जुनेद ने बताया कि इस परियोजना में प्रदेश की कुल 30 जिलों की 148 पंचायत समितियों की 785 ग्राम पंचायतों की 985 गांवों को शामिल किया गया है। परियोजना अन्तर्गत केन्द्रीय एवं राज्य का अंशदान 60ः40 है। इस परियोजना के अन्तर्गत प्राकृतिक संस्थानों जैसे जल, जंगल, जमीन, जानवर एवं जन का समन्वित रूप से संरक्षण और विकास एक आवश्यक घटक है। इसके अन्तर्गत वर्षा जल को विभिन्न प्रकार के ढ़ांचों में संरक्षित कर खेती एवं जन सामान्य को उपलब्ध करवाना शामिल है। इससे पानी का बहाव रूककर मिट्टी का कटाव रूकता है एवं कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है। परियोजना गरीब, पिछड़े एवं संसाधनहीन व्यक्तियों की आय बढ़ाने के साथ-साथ सभी का सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन करने में सहायक होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here