मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
उदयपुर। राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने गुरुवार को उदयपुर के उमरड़ा स्थित पटेल फास्फोरस कंपनी पर अचानक छापा मारा। इस कंपनी पर आरोप है कि यह ऑर्गेनिक खाद के नाम पर मिलावटी उत्पाद बेचकर न केवल किसानों को गुमराह कर रही थी, बल्कि केंद्र सरकार की सब्सिडी का भी दुरुपयोग कर रही थी।

मंत्री ने खुद फैक्ट्री परिसर का निरीक्षण किया और खाद के सैंपल हाथ में लेकर जांच की। उन्होंने कहा कि मई माह में इस कंपनी से लिए गए अलग-अलग 8 सैंपल जांच में फेल पाए गए थे। बावजूद इसके कंपनी मिलावटी खाद बनाने का काम कर रही थी। इससे पहले भी इस कंपनी की शिकायतें मिल चुकी थीं, जिसके आधार पर केंद्र सरकार ने इसकी 6 माह की सब्सिडी निलंबित कर दी थी। इसके बाद भी कंपनी ने अपनी हरकतें नहीं सुधारीं।

मंत्री ने दी चेतावनी-किसानों से धोखा बर्दाश्त नहीं होगा >>>
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की मेहनत और भविष्य से खिलवाड़ करने वाली किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा। ये लोग घटिया खाद बनाकर किसानों को लूट रहे हैं। केंद्र सरकार 328 रुपये प्रति पैकेट सब्सिडी देती है, लेकिन ये लोग उस सब्सिडी का भी गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने यह भी कहा कि राजस्थान की सभी खाद और बीज कंपनियों की जांच करवाई जाएगी ताकि राज्य के किसानों के साथ धोखाधड़ी रोकी जा सके।

कई कंपनियां जांच के दायरे में, मोदी परिवार की कंपनी पर भी छापा >>>
इससे पहले डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने राजधानी जयपुर व आसपास के इलाकों में स्थित छह पेस्टिसाइड फैक्ट्रियों और उनके गोदामों पर भी छापेमारी की थी। इनमें आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के परिवार से जुड़ी कंपनी के गोदाम भी शामिल हैं। इस गोदाम को भी सील कर दिया गया है। इन स्थानों से लिए गए सैंपल फिलहाल जांच के लिए भेजे गए हैं।
मिलावट पर जीरो टॉलरेंस नीति >>>
राजस्थान सरकार कृषि क्षेत्र में मिलावटखोरी और नकली उत्पादों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। मंत्री मीणा ने दो टूक कहा कि किसानों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। हमने सभी फर्मों को निर्देश दिया है कि वे अपनी गुणवत्ता सुधारें। जो नहीं सुधरेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जैसा कि मंत्री ने कहा।
मामले की गंभीरता क्यों है ???
राजस्थान जैसे कृषि प्रधान राज्य में मिलावटी खाद और नकली बीजों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। इससे फसल की उत्पादकता पर सीधा असर पड़ता है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। साथ ही इस तरह के मामलों में सरकारी सब्सिडी का दुरुपयोग होना भी बड़ी चिंता का विषय है। ऐसे में मंत्री की यह कार्रवाई किसानों के हित में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

कृषि विभाग की लगातार निगरानी >>>
राज्य सरकार ने सभी कृषि इनपुट कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे गुणवत्ता में सुधार करें अन्यथा उनके लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे। कृषि विभाग ने राज्य भर में खाद और बीज बनाने वाली फैक्ट्रियों व विक्रेताओं पर नजर रखने के लिए विशेष निगरानी दल भी गठित किए हैं।