रवि प्रकाश जूनवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
नई दिल्ली। केंद्र सरकार आयकर विधेयक, 2025 के उस प्रावधान में कुछ जरूरी बदलाव करने पर विचार कर सकती है जिसके तहत गैर-कॉरपोरेट करदाताओं के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर (एएमटी) का दायरा बढ़ा दिया गया था।

नाम न छापने की शर्त एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस श्रेणी में पार्टनरशिप फर्म और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) फर्म जैसी करदाता आती हैं जो केवल दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कमाती हैं। विधेयक में ऐसे गैर-कॉरपोरेट करदाताओं के लिए अध्याय 6-ए के तहत कटौती का संदर्भ हटा दिया था। ऐसे में लग रहा था कि किसी भी कर लाभ का का दावा न करने वाले करदाताओं को भी वैक ल्पिक न्यूनतम कर देना पड़ सकता है।