आईएएस रामधन मीणा के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज

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मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख


जयपुर। एक तरफ सरकार बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए संरक्षण तथा उनकी सुरक्षा की बात कर रही है तो दूसरी ओर उन्हें हैरान परेशान करने के लिए उनके खिलाफ मुकदमा में दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बुजुर्ग व्यक्ति पूर्व आईएएस रामधन मीणा के खिलाफ पुलिस को राजकार्य में बाधा सहित अन्य आरोप में एफआईआर दर्ज करने के आदेश न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दिया है। यह आदेश पूर्व आईएएस रामधन मीणा पर जानलेवा हमला करने वाले बस कंडक्टर घनश्याम शर्मा के परिवाद पर दिया गया है।

प्रतीकात्मक फोटो


घटना 10 जनवरी 2025 की है —


कोर्ट ने यह आदेश बस कंडक्टर घनश्याम शर्मा के परिवाद पर दिया। मामले से जुड़े अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि परिवादी जेसीटीएसएल बस में कंडक्टर के पद पर था। वह 10 जनवरी 2025 को एसएमएस अस्पताल से सुबह बस लेकर कानोता की ओर चला। इस दौरान उसने एक यात्री को ईटीआईएम मशीन से कानोता का टिकट निकालकर दे दिया। करीब 10:55 बजे पर उसने सवारियों को कानोता बस स्टैंड पर उतार दिया और हीरावाला व नायला सहित अन्य जगह पर जाने वाली सवारियां चढ़ाई। टिकट गिनती करने पर एक सवारी ज्यादा पाई गई।


₹10 की बात पर हुआ था विवाद —


टिकट चैक करने पर परिवादी एक यात्री के पास पहुंचा और उनसे कहा कि उन्होंने कहां की टिकट ली है। जिस पर यात्री ने अपशब्दों से कहा कि तूने कानोता की टिकट दी है, मुझे कानोता जाना है। जिस पर परिवादी ने कहा कि कानोता पीछे रह गया, वे चाहें तो अब उतर जाएं, लेकिन यात्री ने कहा कि वह बस को वापस मोड़े व उसे कानोता उतारे। इस पर उसने यात्री को नायला की टिकट निकालकर उससे दस रुपए मांगे। यात्री ने दस रुपए देने से मना कर दिया और कहा कि वह उसे सस्पेंड करवा देगा और परिवादी के थप्पड़ मार दिया। इस तरह यात्री ने राजकार्य में बाधा पहुंचाई है। इसलिए यात्री के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जाए। अब आगे क्या होता हैं, तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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