हैलो सरकार
वाणिज्य संवाददाता
जैसा कि आप सभी जानते हैं, देश में गोल्ड लोन तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन रिपेमेंट के सही ऑप्शन गोल्ड लोन का ईएमआई पेमेंट सस्ता कैसे हो सकता है, हर महीने ब्याज भरने का भी विकल्प कैसे होना चाहिए ?
आरबीआई ने हाल ही में गोल्ड लोन देने के मामले में बैंकों और एनबीएफसी की खामियां उजागर की। इसको लेकर संबंधित स्टेकहोल्डर्स की सख्त लहजे में चेतावनी भी दी गई। आरबीआई चाहता है कि बैंक और एनबीएफसी ग्राहकों की भुगतान क्षमता की जांच करें, सिर्फ गारंटी पर ही निर्भर न रहें। आरबीआई लोन का आंशिक भुगतान करके फिर से नर कर्ज देने वाली प्रथा से भी खुश नहीं है। ऐसे में आने वाले समय में गोल्ड लोन पर होमलोन की तर्ज पर मूलधन- ब्याज के साथ इदमआई का भी विकल्प मिल सकता है। मुथूट पिनकों के सीईओ शाजी वीस कहते हैं कि गोल्ड लोन की यूनिक विक्री की बड़ी वजह उसका लचीला रिपेमेंट फीचर्स है। ग्रहक हर रोज, मासिक या लोन का टर्म पूरा होने पर भी पेमेंट कर सकते हैं। गोल्ड लोन लेते वक्त कम गुणवत्ता वाला सोना गिरवी रखने से बचें। इससे आपको कम मूल्य पर लोन मिलता है और डिफॉल्ट होने पर आपकी क्रेडिट रेटिंग भी खराब कर सकता है।
गोल्ड लोन चुकाने के मौजूदा विकल्प :-
ग्रहकों के पास अभी भी लोन चुकाने के कई आलग-अलग विकल्प है-
ईएमआई आधारित रिपेमेंट : कर्जदाता फिक्साद गंधली इंस्टॉत्ब्रेंट्स के जरिये जोन चुका सकते हैं। इसमें प्रिसिपल और ब्याज, दोनों शामिल होता है।
नॉन ईएमआई ऑप्शन : यह कई तरीकों से हो सथाता है। इनमें से कुछ प्रमुख विकल्प यह हैं-
बुलेट रिपेमेंट : रोन का टर्म होने के बाद भूजबन और बयाज का पूरा भुगतान एकमुस्त करना होता है। सिर्फ व्याज भुगतानः इसमें ब्याज मंखली, तिमाही, छमाही और सालाना आधार पर चुकाने का विकाप मिलता है। प्रिसिपल राशि लोन की अवधि पूरी होने के बाद देनी होती है।
आंशिक भुगतानः लोन लेने वाले ग्राहक अपनी सुविधा के हिसाब से कर्ज को कम करने के लिए बीच- श्रीच में पेमेंट कर सकते हैं।
सोने के गहने गिरवी रखकर लोन लेने वाले ग्राहकों को ऐसा प्लान चुनना चाहिए, जो उनके पास नकदी को आमद के अनुरूप हो। इंटेल मनी के सईओ उमेश मोहनन कहते हैं फि रेगुलर इनकम या सेलरीड क्लास के लिए ईएमआई प्लान बेहतर विकल्प हो सकता है।
पैसा बाजार के चीफ बिजनेस ऑफिसर (सिक्योर्ड लोन) साहिल अरोड़ा कहते हैं कि ईएमआई में व्याज और मूलधन, दोनों शामिल होते हैं, इसलिए व्याज लागत गैर-ईएमआई- प्लान से कम होती है। बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं कि ऐसे ग्राहक, जिन्हें एकमुश्त राशि, मसलन चोनस या किसी निवेश के जहद मैच्योर होने की उम्मीद है। उन्हें बुलेट भुगतान का विकल्प चुनना चालिए।
• गोल्ड लोन के मामले में क्रेडिट स्कोर भी मायने रखता है :-
बैंक और एनबीएफसी क्रेडिट स्कोर जैसे टूल का इस्तेमाल करके खेल्ड लो लेने वाले ग्राहक का मूल्यांकन करते हैं। हसत्वंकि पहला फोकस सोने के गहनों का मूल्यांकन, उसकी शुद्धत तप करना है।
• 75% एलटीवी रेश्यो :- कर्जदाता और ग्राहक, दोनों के लिए सुरक्षित आरबीआई ने गोल्ड लोन लेने वाले की सुरता के लिए एलटीची अनुपात 75% रखा है। यानी गोल्ड की कुल वैल्यू का 75% ही लोन मिल सकता है। शेट्टी कहते हैं कि अगर सोने की कीमतों में बहुत तेज गिरावट आती है तो बैंक ग्रहकों से अतिरिका सोना गिरवी रखने के लिए कह सकते हैं।
• इन गलतियों से बचें :- वर्गीस कहते हैं कि गोल्ड लोन लेने के लिए प्रतिष्ठित कर्जदत है चुनें। इससे गोल्ड सुरक्षित रहेगा। कुछ अनिषमित कर्जाओं की आकर्षक लगने वाले ऑफर से बचें। 29% मंथली व्याज दर आकर्षित लग सकती है, लेकिन यह सालाना 24% होती है। यह बैंक की मौजूदा 8-12% से बहुत ज्यादा है।