रवि प्रकाश जूनवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
नई दिल्ली। ईवीएम मशीन का जींद एक बार फिर निकल कर बाहर आया। अबकी बार ऐसा जींद सामने आया है जो सभी जींदो से भयानक और खतरनाक है। यह एक ऐसा चीज है जो मतदान केंद्र पर कुल मतदाताओं की संख्या 1200 थी और ईवीएम मशीन में 1500 वोट पड़ गए। इसी बात को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में एक सज्जन पुरुष ने जनहित याचिका लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है।
मतदान केंद्र पर वोटर्स बढ़ने पर शीर्ष कोर्ट ने आयोग से मांगा जवाब
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से याची इंदू प्रकाश सिंह की जनहित याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें मतदान केंद्रों पर वोटर्स की अधिकतम संख्या 1,200 से बढ़ाकर 1,500 करने को चुनौती दी गई है। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कहा कि वह इसे लेकर चिंतित हैं और किसी भी मतदाता को इससे (मताधिकार से) वंचित नहीं रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह को 3 हफ्ते में संक्षिप्त हलफनामा पेश करके स्थिति स्पष्ट करने को कहा। इससे पहले सिंह ने कहा- ‘इस मामले में नोटिस जारी नहीं होना चाहिए। एक ईवीएम में 1500 वोट डलवाने का फैसला नया नहीं है। ऐसे बेतुके बयानों से आम मतदाता को चिंता होना लाजिमी है।
ईवीएम के खिलाफ बहुत सारे आरोप
आपको बता दे, भारत के निर्वाचन आयोग में ऐसी शिकायतें 2019 से लग रही है। इससे पहले हर निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक दलों से परामर्श किया गया। तब से किसी ने शिकायत नहीं की। सुबह तो कोई भीड़ नहीं होती। ईवीएम के खिलाफ बहुत सारे आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन किसी का कोई आधार नहीं है।’ सिंह ने कहा- मतदाताओं को तय समय के बाद भी वोट डालने की अनुमति दी जाती है। वोटर बढ़ाने का फैसला डेटा पर आधारित नहीं है। एक सीनियर अधिवक्ता के ऐसे बेतुके बयानों से आम जनता के दिल में क्या बात खटकती है, यह किसी से छिपी हुई नहीं है।
याचिका में प्रमुखता से उठाए गए मुद्दे
• याची इंदू प्रकाश सिंह ने आयोग के अगस्त 2024 में जारी निर्देशों को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि फैसले का आधार कोई डेटा नहीं है। इससे पोलिंग बूथ पर कतारें लगेंगी।
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा आयोग वोटर्स की ज्यादा भागीदारी चाहता है। ईवीएम से कम समय लगता है।
• याची ने अपनी याचिका में कहा कि आमतौर पर 11 घंटे में मतदान होता है। एक वोट डालने में 60 से 90 सेकेंड लगते हैं। 1 ईवीएम से 1 दिन में 490 से 660 वोट पड़ सकते हैं। औसतन 65.70% मतदान होता है। माना जाता है कि एक बूथ पर 1000 वोट पड़ सकते हैं।
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अब देखना होगा की क्या सुप्रीम कोर्ट आम मतदाताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग को क्या आदेश देता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बहरहाल, ऐसे मुद्दे पैदा होने से आम मतदाता के जेहन में भारत की निर्वाचन व्यवस्था पर सवाल उठाना लाज़मी हो जाता है।