रवि प्रकाश जूनवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
नई दिल्ली । रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर इकाई से लेकर लेह के ठंडे इलाकों अथवा नई दिल्ली की भीड़भाड़ वाली सड़कों तक भारत का वाणिज्यिक वाहन उद्योग हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों के जरिये ईंधन में बदलाव को रफ्तार दे रहा है।

क्रांति का नेतृत्व अशोक लीलैंड और टाटा मोटर्स जैसी प्रमुख वाहन कंपनियों के पास ???
गौरतलब है कि ईंधन में बदलाव की इस क्रांति का नेतृत्व अशोक लीलैंड और टाटा मोटर्स जैसी प्रमुख वाहन कंपनियां कर रही हैं। कई उद्योग के दिग्गज भी इस ओर छलांग लगाने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के विस्तार हैं, लेकिन मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) भी भविष्य के लिए रणनीतिक तौर पर कदम बढ़ा रहे हैं। उदाहरण के लिए अशोक लीलैंड ने 2023 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से साझेदारी के तहत हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाला देश का पहला ट्रक उतारा था। फिलहाल 20 से अधिक ऐसे वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं और दो साल में ही इन वाहनों ने करीब 2.5 लाख किलोमीटर नाप लिए हैं।


टाटा मोटर्स ने हाइड्रोजन इंजन और फ्यूल सेल वाले दो ट्रकों का परीक्षण किया शुरू !!!
हाइड्रोजन से चलने वाले ये वाहन दक्षता के मामले में भी डीजल वाहनों के बराबर है। इतना ही नहीं, कंपनी ने दिल्ली, लेह एवं लद्दाख में हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाली बसें तैनात करने के लिए एनटीपीसी ग्रीन के साथ करार भी किया है। टाटा मोटर्स ने हाइड्रोजन इंजन और फ्यूल सेल वाले दो ट्रकों का परीक्षण शुरू कर दिया है। परीक्षण मार्च में शुरू हुआ था जो अगले 24 महीनों तक चलेगा। इसमें विभिन्न भार क्षमता वाले 16 हाइड्रोजन ईंधन वाले वाहनों को शामिल किया जाएगा।