MBC वर्ग की विशाल महापंचायत को लेकर राजौर ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

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मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख

जयपुर। राजस्थान प्रदेश में MBC वर्ग की काफी वर्षों से लंबित चली आ रही मांगों को लेकर कल 8 जून पीलूपुरा-कारवाडी में प्रस्तावित विशाल महापंचायत के संबंध में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी मदन मोहन राजौर ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को 8 सूत्रीय मांगों के बारे में पत्र भेजकर कर अवगत कराया।


सरकारों के साथ हुए समझौते आज दिनांक तक लागू नहीं –

गौरतलब है कि मदन मोहन राजौर ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को भेजें 8 सूत्रीय मांगों वाला अपने आपमें काफी महत्वपूर्ण है। राजौर के पत्र के अनुसार प्रदेश में MBC वर्ग (गुर्जर बंजारा राईका लोहार और रैवारी जाति शामिल हैं) की कुछ मांगे और पूर्ववर्ती सरकारों के साथ हुए समझौते आज दिनांक तक लागू नहीं हो पाये है जिनमें से कुछ मांगे एमबीसी वर्ग के उत्थान के लिए अतिमहत्वपूर्ण और अतिआवश्यक है जिनको लेकर कल से संपूर्ण MBC वर्ग विशाल महापंचायत का आयोजन होने के बारे में राजस्थान के मुख्यमंत्री को अवगत कराया।


देवनारायण योजना, एमबीसी 5% आरक्षण को 9वीं अनुसूची शामिल, न्यायिक सेवाओं में बैकलॉग जैसी 8 मागों वाला पत्र –

आपको बता दे, मदन मोहन राजौर में अपने पत्र के माध्यम से राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से रोस्टर प्रणाली बदली जाए ताकि आरक्षण राजस्थान के स्तर पर होने से आरक्षण का पूरा लाभ मिल सके। इसी प्रकार एमबीसी 5% आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डाला जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री एमबीसी समाज के नेताओं को विश्वास में लेकर कैबिनेट अप्रूवल कराकर इसकी सिफारिश केंद्र सरकार के पास भेजें। ऐसे ही आरक्षण आंदोलन का एक भी केस वापस नहीं लिया। जमीन कुर्की के आदेश भी निकाले गए हैं। केस वापस लिए जाएं। पत्र के तीसरे बिन्दु में आरक्षण आंदोलन का एक भी केस वापस नहीं लिया। जमीन कुर्की के आदेश भी निकाले गए हैं। केस वापस लिए जाने की मांग की गई हैं। ठीक इसी प्रकार देवनारायण योजना का क्रियान्वयन ठीक नहीं होने से पिछले 17 महीने से योजना ठप है। जिससे न स्कूटी मिल रही न छात्रवृत्ति । योजना की मासिक समीक्षा बैठक फिर शुरू की जाने की मांग उठाई गई। पत्र की पांचवीं मांग के अनुसार रूप में बीते 6 साल की बची हुई नौकरियां एमबीसी को देने और राज्य सरकार ने जोधपुर हाईकोर्ट में लिखित में कहा कि एमबीसी आरक्षण जनरल, फिर ओबीसी और अंत में एमबीसी वर्गों को देने की बात कही थी, लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं होने का मुद्दा उठाया गया। ठीक इसी प्रकार राजस्थान न्यायिक सेवाओं में बैकलॉग अभी लागू नहीं किया। 2022 से अब तक की आरजेएस वैकेंसी में अब दिए जाने सहित आरक्षण आंदोलन में शहीदों के परिवारों को अनुकंपा नौकरी और मुआवजा शीघ्र ही दिए जाने के साथ सरकारों से हुए समझौतों की पालना हो, सभी लंबित नौकरियां देने का मुद्दा गर्म जोशी के साथ उठाया गया।


डबल इंजन की सरकार होने से आशा और भी बढ़ना स्वाभाविक –

पत्र के अंत में, भारतीय किसान यूनियन के नेता मदन मोहन राजौर ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अब जबकि केन्द्र व राज्य में बीजेपी की डबल इंजन की सरकार है जिससे आशा और भी अधिक बढ जाती है कि एमबीसी समाज को नवीं अनुसूची में जोड दिया जावेगा एवं अन्य वर्गों की भाँति अन्य सुविधाएँ राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। अन्य लम्बित मामलों में भी उचित सुनवाई की जाने के साथ  करबद्ध आग्रह किया गया कि एमबीसी आरक्षण को नवीं अनुसूची में जोडा जाये जिससे इन समाजों के शैक्षिणिक, आर्थिक व सामाजिक विकास को गति प्रदान की जा सके।


मील का पत्थर साबित हो सकता है मदन मोहन का पत्र –

जी हां, यह कहना गलत ना होगा कि भारतीय किसान यूनियन के नेता मदन मोहन राजौर का सरकार के डैमेज कंट्रोल के रूप में किसी बड़े आंदोलन को रोकने के लिए पत्र लिखा है। अब देखना होगा कि क्या राजस्थान सरकार मदन मोहन राजौर के पत्र को अमालीगामा पहनता है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बहरहाल यदि समय रहते हुए राजस्थान सरकार मदन मोहन राठौर के पत्र पर गौर करती है तो किसी बड़े आंदोलन को रोकने में मील का पत्थर साबित होगा।

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