किसानों को आधुनिक खेती के तौर-तरीके सिखाने में अहम भूमिका होती है उत्कृष्टता केन्द्रों की : शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी विभाग

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मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख

जयपुर। राजस्थान सरकार के कृषि एवं उद्यानिकी के शासन सचिव श्री राजन विशाल ने गुरूवार को ढिंढोल (बस्सी), जयपुर में स्थापित राजस्थान राज्य बीज निगम के विधायन केन्द्र, राजस्थान ऑलिव कल्टिवेशन सेन्टर, अनार उत्कृष्टता केन्द्र व राजहंस नर्सरी का अवलोकन किया।


उत्कृष्टता केन्द्र व नर्सरी का निरीक्षण –

शासन सचिव ने उत्कृष्टता केन्द्र पर स्थापित शेडनेट हाउस, पॉली हाउस, नर्सरी ब्लॉक, मातृृ वृृक्ष ब्लॉक, ऑटोमेशन यूनिट का निरीक्षण कर उत्कृष्टता केन्द्र व नर्सरी में उगाये जा रहे पौधों व सब्जियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली एवं उत्कृष्टता केन्द्र व राजहंस नर्सरी पर कर्नाटक और तमिलनाडू राज्यों के नर्सरी मॉडल का अध्ययन कर राजस्थान की जलवायु के मद्देनजर आवश्यक सुधार कर अपनाने की सलाह दी। उत्कृष्टता केन्द्रों पर पानी की उपलब्धता एवं गुणवत्ता की जानकारी लेकर ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संग्रहण हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। शासन सचिव ने कहा कि इन केन्द्रों की क्षमताऐं काफी ज्यादा है। बागवानी में उन्नत पैदावार का प्रशिक्षण देने एवं आधुनिक खेती के तौर–तरीके सिखाने के लिए उत्कृष्टता केन्द्र अहम भूमिका निभा रहे है। किसानों की आय बढाने में ‘सेन्टर ऑफ एक्सिलेन्स‘ का महत्वपूर्ण योगदान है।

अनार उत्पादन में ढिंढोल स्थित उत्कृष्टता केन्द्र का अहम योगदान-

अनार उत्कृष्टता केन्द्र का अवलोकन करते हुए उन्होेंने कहा कि अनार के बगीचों की स्थापना, उन्नत किस्म, सिंचाई जल व पोषण प्रबंध, सघन बागवानी एवं ग्रेडिंग, पैकिंग से जुडी नवीनतम जानकारियां कृषकों तक पहुंचाने एवं कृषि तकनीकी के हस्तानान्तरण के लिए ढिंढोल, बस्सी में अनार उत्कृष्टता केन्द्र का अहम योगदान है।

आधुनिक तकनीकी विधियों की जानकारी रहे किसानों को –

श्री राजन विशाल ने सेन्टर ऑफ एक्सिलेन्स ढिंढोल में आयोजित की जा रही विविध गतिविधियों में संरक्षित हाउसों में पपीता, अंजीर, स्ट्रॉबेरी, रंगीन शिमला मिर्च, फूलों की खेती-जरबेरा, कार्नेवस के साथ ही जैविक प्रमाणीकरण संरक्षित हाउस में चेरी टमाटर, ड्रैगन फ्रूट तथा विदेशी पत्तेदार सब्जियां जैसे बेसिल, लेटयूस, सेलेरी, पार्सले, पाकचोई और खुले क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सब्जियां जूकपी, चप्पल टिण्डा, फूलगोभी, ब्रोकली मिर्च, पत्तागोभी इत्यादि का अवलोकन कर विस्तार पूर्वक जानकारी ली। माइग्रो इरिगेशन एवं मल्चिंग विधि द्वारा पानी की बचत की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर किसानों को दिये जा रहे आधुनिक तकनीकी विधियों के प्रशिक्षण पर संतोष व्यक्त किया।

शासन सचिव ने जैतून फार्म पर स्थापित जैतून पत्तियों से चाय बनाने की फैक्ट्री का भी निरीक्षण किया, जहां पर जैतून पत्तियों से निर्मित चाय एवं विभिन्न उत्पादों की सम्पूर्ण जानकारी ली।

उत्कृष्टता केन्द्र से होते हैं पौधों का वितरण –

उत्कृष्टता केन्द्र पर विभागीय अधिकारियों ने बताया कि किसान यहां से अनार की खेती के विभिन्न तकनीकी पहलूओं जैसे बढवार, उपचार, जल प्रबंधन, फर्टिगेशन व कीट व्याधि की जानकारी प्राप्त करते हैं। केन्द्र पर अनार के भगवा सुपर, भगवा मृदुला एवं वण्डर फूल किस्मों के वृृक्षों का रोपण किया गया है। केन्द्र पर अनार के उच्च गुणवत्ता युक्त पौधे उत्पादन व कृषि प्रशिक्षण आयोजन के कार्य किये जाते है। साथ ही पौधों का  उत्पादन कर कृषकों को अनार के उच्च गुणवत्ता युक्त पौधों का वितरण किया जाता है।


इस मौके पर उपस्थित लोग –

इस मौके पर आयुक्त उद्यानिकी श्री सुरेश कुमार ओला, अतिरिक्त निदेशक कृषि श्री सुरेन्द्र सिंह शेखावत, निदेशक राजस्थान राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था श्री के.सी. मीणा, महाप्रबंधक राजस्थान राज्य बीज निगम श्री रामलाल मीणा सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

अब देखना होगा कि क्या जमीनी स्तर पर राजस्थान के किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है या नहीं। यदि लाभ मिलता है तो सरकारी नुमाइंदे किस स्तर पर लाभ पहुंचा रहे हैं या फिर राज्य सरकार वाहवाही लूटने के लिए सरकारी योजनाओं के नाम पर ढिंढोरा पीट रही है।

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