किरोड़ी लाल ने सरकार के खिलाफ बजवा दिया धरने का बिगुल : अपोलो एनीमल मेडिकल कॉलेज का मामला

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मीनेश चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री पिछले कई महीनों से राजस्थान में निवेश के लिए पूरे संसार में चक्कर काट चुके हैं। फलस्वरुप निवेशकों ने राजस्थान राइजिंग में निवेश करने के लिए मुख्यमंत्री को आश्वस्त भी किया है। लेकिन पुराने निवेशक सरकार की मनसा पर पानी फेर सकते हैं।

कार्रवाई नहीं हुई तो राइजिंग राजस्थान के दौरान धरने पर बैठूंगा – एनआरआई डॉ. खरे

गौरतलब है कि अपोलो एनीमल मेडिकल कॉलेज विवाद अब जोर पकड़ता जा रहा है। आगरा रोड स्थित अपोलो मेडिकल वेटरनरी कॉलेज पर कब्जा करने के मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के साथ अमेरिका निवासी डॉ.राज खरे एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा से मिले और अपनी पीड़ा बताई और बोले कार्रवाई नहीं हुई तो राइजिंग राजस्थान के दौरान धरने पर बैठूंगा।

एसीबी मुख्यालय की सीढ़ियों पर धरने पर बैठ गए एनआरआई

डीजी एसीबी ने मामले में जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद पीड़ित डॉ.राज खरे कार्रवाई की बात को लेकर एसीबी मुख्यालय की सीढ़ियों पर धरने पर बैठ गए। बाद में एसीबी अधिकारियों ने समझाइश कर धरना समाप्त करवाया।

अपोलो एनीमल मेडिकल कॉलेज आगरा रोड जयपुर



किरोड़ी लाल मीणा ने कहा पिछले 20 वर्ष से भटक रहा है एनआरआई 

पत्रकारों को संबोधित करते हुए राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी मीणा का कहना है कि डॉ.राज खरे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत की प्रेरणा से प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2005-06 में आगरा रोड पर अपोलो एनीमल मेडिकल कॉलेज शुरू किया था, जो 2012 तक सुचारू रूप से चलता रहा। कॉलेज में प्रदेशभर के करीब 500 बच्चे पढ़ रहे थे। वर्ष 2013 में दूल्हेराम एवं उनके सहयोगियों ने अवैध रूप से घुसकर ट्रस्ट पर कब्जा कर करोड़ों का गबन किया। इस संबंध में वर्ष 2019 में कानोता थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।

एसीबी ने तीन मामलों में आरोपियों को दोषी माना

आपको बता दे, भ्रष्टाचार प्रमाणित होने पर एसीबी ने भी एफआईआर दर्ज की थी। जांच अधिकारी ने 21 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट में दूल्हेराम, हर्षवर्धन, लाखन एवं गजानंद गुप्ता को दोषी माना। हाईकोर्ट ने इन प्रकरणों में करीब 35 करोड़ का गबन होना मानकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा कोर्ट ने आरोपियों के विरुद्ध इन्कम टैक्स विभाग से मदद मांगने के लिए निर्देशित किया। इस संबंध में तीन मामलों में आरोपियों को दोषी माना। लेकिन कार्रवाई नहीं होने से आखिरकार एनआरआई डॉक्टर खरे किरोड़ी लाल मीणा से मिले और अपनी पीड़ा जाहिर की।

डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के साथ पीड़ित 20 दिन पहले मिल चुके हैं मुख्यमंत्री से

एसीबी मुख्यालय की सीढ़िया पर धरने पर बैठा पीड़ित

मंत्री किरोड़ी मीणा ने कहा कि डॉ. खरे को न्याय दिलाने के लिए करीब 20 दिन पहले सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात करवाई थी। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। डॉ. खरे ने कहा कि राजस्थान में निवेशक आ रहे है और जो पहले से हैं उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। यदि कार्रवाई नहीं होती है तो राइजिंग राजस्थान के दौरान भी मैं धरना दूंगा। जिस प्रॉपर्टी पर कब्जा किया है उसकी कीमत करीब 5 हजार करोड़ रुपए है। खरे ने कहा कि मैं राइजिंग राजस्थान का भी विरोध करूंगा। राइजिंग राजस्थान के कार्यक्रम के दौरान यदि डॉक्टर खरे विरोध करते हैं तो राइजिंग कार्यक्रम में इसका असर देखने को मिल सकता है।

राना के प्रेसीडेंट डॉ. प्रेम भंडारी ने कहा – कार्रवाई के लिए पीएम को भी अवगत कराया जाएगा

अमेरिका में राना के प्रेसीडेंट डॉ. प्रेम भंडारी का कहना है कि राइजिंग राजस्थान में पूरी दुनियां राजस्थान में निवेश करने पहुंच रही है। ऐसे में एनआरआई परिवार को न्याय मिलना चाहिए। इस बारे में एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा से भी बात की गई है। मामले में कार्रवाई को लेकर राना की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को भी लिखित में अवगत करवाया जाएगा।

भैरोसिंह के कहने पर निवेश किया था राजस्थान में – एडवोकेट रोली खरे रस्तोगी

अपोलो एनीमल मेडिकल कॉलेज के विवाद पर मामले को लेकर डॉ.राज खरे की बेटी एडवोकेट रोली खरे रस्तोगी निवासी अमेरिका का कहना है कि उनके पिताजी ने भैरोसिंह शेखावत के कहने पर अपोलो वेटरनरी कॉलेज में निवेश किया था। आरोपियों ने कब्जा कर लिया, जिस मामले की जांच भी हो चुकी। तीनों आरोपियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। ऐसी स्थिति में आम आदमी के मन में एक बात पैदा हो जाती है कि आखिरकार आम आदमी को न्याय कैसे मिलेगा।