पुलिस ने पकड़ा 20 यूनिवर्सिटी की 700 डिग्रियां और मार्कशीट का जखीरा

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मीनेष चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। कठोर मेहनत से पढाई कर डिग्री हासिल करने वाले हजारों-लाखों लोग बेरोजगारी की कतार में खडे हैं। फिर सवाल इस बात का पैदा होता हैं कि आखिरकार ऐसे कौनसे लोग हैं जो बिना परीक्षा पास किए फर्जी तरीके से मार्कशीट और डिग्री बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे क्यों अपनाते हैं ? यही यक्षप्रश्न आज समाज का नासूर बन गया।


2 ई-मित्र से 20 यूनिवर्सिटी की 700 से ज्यादा मार्कशीट और डिग्रियां की जब्त :-
गौरतलब है कि जयपुर शहर की प्रताप नगर इलाके में बड़ी संख्या में नामी यूनिवर्सिटीज की फर्जी डिग्री और मार्कशीट का बहुत बड़ा जखीरा राजस्थान पुलिस के हाथ लगा है। जयपुर शहर के डीसीपी ईस्ट तेजस्वनी गौतम ने बताया कि कुछ ई-मित्र संचालकों द्वारा कई यूनिवर्सिटी और शिक्षण संस्थानों की मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री, माइग्रेशन सर्टिफिकेट बनाने और बेचने की जानकारी मिली थी। इस पर टीम बनाकर प्रताप नगर में 2 जगह दबिश दी गई। टीम ने 2 ई-मित्र से 20 यूनिवर्सिटी की 700 से ज्यादा मार्कशीट और डिग्रियां जब्त की गई हैं। पुलिस ने डिग्रियों के साथ 3 लोगों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार ये डिग्रियां बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी की हैं। ये डिग्रियां बिना परीक्षा दिए और बिना क्लास अटेंड किए फर्जी तरीके से यूनिवर्सिटी की मिलीभगत से दलालों के जरिए दी जा रही थीं। इस केस की गंभीरता को देखते हुए एसीपी बस्सी के सुपरविजन में एक एसआईटी का भी गठन किया गया है।


स्टाम्प, चेक बुक, क्रेडिट और डेबिट कार्ड भी मिले :-
पुलिस टीम को मौके से डिग्रियां मिलने के साथ-साथ कई फर्जी स्टाम्प, चेक बुक, क्रेडिट और डेबिट कार्ड भी मिले। फर्जी डिग्री लेने वाले कई लोगों के नाम से किराया-नामा भी बने हुए मिले।  तेजस्वनी गौतम ने बताया कि बुधवार शाम 7 बजे पहली कार्रवाई प्रताप नगर में सेक्टर 8 स्थित यूनिक एजुकेशन कंसल्टेंट में की गई। यहां पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विकास मिश्रा को गिरफ्तार किया। यहां से पुलिस को 18 यूनिवर्सिटी के दस्तावेज मिले। पुलिस ने मौके पर 3 लोगों को गिरफ्तार किया।


प्रताप नगर के सेक्टर-8 एसएसआईटी सेंटर मैन मार्केट में चल रहा था गोरखधंधा :-
पुलिस की सख्ती से की गई पूछताछ पर आरोपी विकास ने बताया कि उनका एक और ऑफिस है। जो सेक्टर-8 एसएसआईटी सेंटर मैन मार्केट प्रताप नगर में है। यहां से पुलिस ने सत्यनारायण और विकास अग्रवाल को गिरफ्तार किया। दोनों जगह तलाशी के दौरान भारी मात्रा में डिग्रियां, मार्कशीट, सर्टिफिकेट, किराया-नामा, चेक बुक, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड मिलने पर दो एफआईआर दर्ज की गई। ई-मित्रों से डिग्रियों के अलावा 29 किराया-नामा, 12 चेक बुक, 97 शपथ पत्र, 14 बैंक पास बुक, 13 डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड, 9 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के आईडी कार्ड, 7 मोबाइल, 1 पेटीएम मशीन, 2 डीवीआर, 1 पावर सप्लाई केस, 1 कैमरा डिजीटल, 1 राउटर, 1 सीपीयू इंटेल कंपनी, 1 मोनिटर लेनोवो कंपनी, 2 लैपटॉप, 2 पेन ड्राइव और 1 प्रिंटर जब्त किया गया। मामले की जांच जारी है।


दलालों के माध्यम से दी जा रहीं थी डिग्रियां :-
जयपुर शहर के डीसीपी ईस्ट तेजस्वनी गौतम ने बताया कि ई-मित्र की आड़ में बेरोजगार युवाओं को प्रलोभन देकर बिना परीक्षा लिए और बिना क्लास अटेंड किए फर्जी तरीके दलालों के माध्यम से डिग्रियां दी जा रही थीं। इसमें यूनिवर्सिटी प्रशासन की भी मिलीभगत है। डिग्री की एवज में मोटा पैसा वसूला जा रहा था।


पुलिस हत्थे चढ़े तीन आरोपी :-
डीसीपी ईस्ट तेजस्वनी गौतम ने बताया कि पुलिस ने विकास मिश्रा (39) पुत्र स्व. कपिल देव मिश्रा निवासी प्रतापनगर स्थित सेक्टर 8 के 80/419, सत्यनारायण शर्मा (32) पुत्र रमेशचंद निवासी सांगानेर स्थित मैन वाटिका विहार और विकास अग्रवाल (35) पुत्र राजकुमार अग्रवाल निवासी कोटपूतली बहरोड़ मिडवे के सामने को गिरफ्तार किया है। अभी मामले का अनुसंधान जारी है और भी खुलासे होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।


परीक्षा में धांधली कर नौकरी पाने वालों के पास भी हो सकती है फर्जी डिग्रियां :-
आरोपियों ने अब तक जिन-जिन लोगों को फर्जी डिग्री और मार्कशीट दिए है, यदि वहां तक पुलिस पहुंचे तो और भी बड़ा खुलासा हो सकता है। संभवत: परीक्षा में धांधली कर नौकरी पाने वालों के पास भी फर्जी डिग्रियां अवश्य हो सकती हैं। इसके लिए पुलिस को गहराई से अनुसंधान करने की जरूरत है।

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