केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को दी मंजूरी :: 63,000 से अधिक गांवों मिलेगा फायदा

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रवि प्रकाश जूनवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए परिपूर्णता लक्ष्य को अपनाकर जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु 79,156 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा: 56,333 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सा: 22,823 करोड़ रुपये) के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी।


5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को होगा लाभ :-
बजट भाषण 2024-25 की घोषणा के अनुरूप इसमें लगभग 63,000 गांव शामिल होंगे, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ होगा। इसमें 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय बहुल 549 जिले और 2,740 ब्लॉक के गांव शामिल होंगे।
10.45 करोड़ है जनजातियों की जनसंख्या :-
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 10.45 करोड़ है और देश भर में 705 से अधिक जनजातीय समुदाय हैं, जो दूरदराज और पहुंच से दूर क्षेत्रों में रहते हैं। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना और पीएम जनमन (प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान) की सीख और सफलता के आधार पर जनजातीय क्षेत्रों एवं समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है।


मिशन में 25 कार्यक्रम शामिल :-
इस मिशन में 25 कार्यक्रम शामिल हैं, जिन्हें 17 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत उन्हें आवंटित धनराशि के माध्यम से अगले 5 वर्षों में समयबद्ध तरीके से इससे संबंधित योजना के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी होगा, ताकि निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके:
लक्ष्य-I: सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास :-
पात्र परिवारों के लिए पक्का घर और अन्य सुविधाएं :  –
पात्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) परिवारों को पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत नल के पानी (जल जीवन मिशन) और बिजली आपूर्ति (आरडीएसएस) की उपलब्धता के साथ पक्के आवास मिलेंगे। पात्र एसटी परिवारों की आयुष्मान भारत कार्ड (पीएमजेएवाई) तक भी पहुंच होगी।
गांव के बुनियादी ढांचे में सुधार : –
एसटी बहुल गांवों (पीएमजीएसवाई) के लिए सभी मौसम में बेहतर सड़क संपर्क, मोबाइल कनेक्टिविटी (भारत नेट) और इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करना, स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में सुधार के लिए बुनियादी ढांचा (एनएचएम, समग्र शिक्षा और पोषण) सुनिश्चित करना।
लक्ष्य-2: आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना :-
कौशल विकास उद्यमिता को बढ़ावा देना और आजीविका (स्वरोजगार) में सुधार करना – प्रशिक्षण (कौशल भारत मिशन/जेएसएस) तक पहुंच प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना कि एसटी समुदाय के छात्र/छात्राएं हर साल 10वीं/12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्राप्त करें। इसके अलावा, जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) के माध्यम से विपणन सहायता, पर्यटक गृह प्रवास, कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के माध्यम से एफआरए पट्टा धारकों को सहायता प्रदान करना।
लक्ष्य-3: सभी की अच्छी शिक्षा तक पहुंच :-
(iv) शिक्षा- स्कूल और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाना और जिला/ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में जनजातीय छात्रावासों की स्थापना करके एसटी छात्रों (समग्र शिक्षा अभियान) के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सस्ती और सुलभ बनाना।
लक्ष्य-4: स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था :-
स्वास्थ्य – एसटी परिवारों की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना, शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) में राष्ट्रीय मानकों को हासिल करना और उन स्थानों, जहां स्वास्थ्य उपकेंद्र मैदानी क्षेत्रों में 10 किमी से अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किमी से अधिक हैं, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से टीकाकरण का कवरेज (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन)।
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत : –
इस अभियान के तहत शामिल जनजातीय गांवों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मैप किया जाएगा और संबंधित विभाग अपनी योजना के अनुसार आवश्यकताओं के अंतरों का पता लगाएंगे।। पीएम गति शक्ति प्लेटफॉर्म पर भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी की जाएगी और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।
17 मंत्रालयों के संबंध में मिशन के लक्ष्य इस प्रकार हैं:



जनजातीय क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के आधार पर तथा राज्यों एवं अन्य हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद, अभियान ने जनजातीय और वनवासी समुदायों के बीच आजीविका को बढ़ावा देने एवं आय अर्जित करने के लिए कुछ नवीन योजनाएं बनाई  हैं।
जनजातीय गृह प्रवास : –
जनजातीय क्षेत्रों की पर्यटन क्षमता का दोहन करने तथा जनजातीय समुदाय को वैकल्पिक आजीविका प्रदान करने के लिए पर्यटन मंत्रालय के माध्यम से स्वदेश दर्शन के अंतर्गत 1000 गृह प्रवासों को बढ़ावा दिया जाएगा। जिन गांवों में पर्यटन की संभावना है, वहां जनजातीय परिवारों तथा गांव को एक गांव में 5-10 गृह प्रवासों के निर्माण के लिए वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक परिवार दो नए कमरों के निर्माण के लिए 5 लाख रुपये तथा मौजूदा कमरों के पुनर्निर्माण के लिए 3 लाख रुपये तक तथा ग्राम समुदाय आवश्यकता के लिए 5 लाख रुपये का पात्र होगा।
स्थायी आजीविका वन अधिकार धारक (एफआरए) : –
इस मिशन का विशेष ध्यान वन क्षेत्रों में रहने वाले 22 लाख एफआरए पट्टा धारकों पर है तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएफडब्ल्यू), पशुपालन विभाग, मत्स्य पालन विभाग तथा पंचायती राज मंत्रालय के साथ मिलकर उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। इनका उद्देश्य वन अधिकारों को मान्यता देने और उन्हें सुरक्षित करने की प्रक्रिया में तेजी लाना, जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाना ताकि वे वनों के रखरखाव और संरक्षण के लिए सक्षम हो सकें और सरकारी योजनाओं के समर्थन के माध्यम से उन्हें स्थायी आजीविका प्रदान कर सकें। अभियान यह भी सुनिश्चित करेगा कि लंबित एफआरए दावों में तेजी लाई जाए और जनजातीय कार्य मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर सभी हितधारकों एवं अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सरकारी आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों के बुनियादी ढांचे में सुधार : –
जनजातीय आवासीय विद्यालय और छात्रावास दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों को लक्षित करते हैं और स्थानीय शैक्षिक संसाधनों को विकसित करने एवं नामांकन और छात्रों की संख्या को बरकरार रखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखते हैं। अभियान का उद्देश्य पीएम-श्री स्कूलों की तर्ज पर उन्नयन के लिए आश्रम स्कूलों/छात्रावासों/जनजातीय स्कूलों/सरकारी आवासीय विद्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना है।
सिकल सेल रोग के निदान के लिए उन्नत सुविधाएं :-
प्रसव पूर्व निदान पर विशेष जोर देने के साथ सस्ती और सुलभ नैदानिक एवं एससीडी प्रबंधन सुविधाएं प्रदान करने और भविष्य में इस रोग की व्यापकता को कम करने के लिए एम्स और उन राज्यों के प्रमुख संस्थानों में सक्षमता केंद्र (सीओसी) स्थापित किए जाएंगे, जहां सिकल रोग अधिक है और ऐसी प्रक्रियाओं की विशेषज्ञता उपलब्ध है। सक्षमता केंद्र (सीओसी) स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रसव पूर्व निदान के लिए सुविधाओं, प्रौद्योगिकी, कर्मियों और अनुसंधान क्षमताओं से लैस होगा और इसमें 6 करोड़ रुपये/सीओसी की लागत से प्रसव पूर्व निदान के लिए नवीनतम सुविधाएं, प्रौद्योगिकी, कर्मियों और अनुसंधान क्षमताएं होंगी।
जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र :-
जनजातीय उत्पादों के प्रभावी विपणन और विपणन बुनियादी ढांचे, जागरूकता, ब्रांडिंग, पैकेजिंग एवं परिवहन सुविधाओं में सुधार के लिए 100 टीएमएमसी स्थापित किए जाएंगे ताकि जनजातीय वर्ग के उत्पादकों को उनके उत्पाद/उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके और उपभोक्ताओं को जनजातियों से सीधे उचित मूल्य पर जनजातीय उत्पाद/उत्पाद खरीदने में सुविधा हो। इसके अलावा, इन टीएमएमसी को एकत्रीकरण और मूल्यवर्धन मंच के रूप में डिजाइन करने से उत्पादों की पैदावार के बाद नुकसान को कम करने और उत्पाद मूल्य को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
जनजातीय गौरव दिवस :-
यह अभियान प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) की योजना और सफलता के आधार पर बनाया गया है, जिसे माननीय प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर, 2023 को जनजातीय गौरव दिवस पर पीवीटीजी आबादी पर ध्यान केंद्रित करते हुए 24,104 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया था।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम सहकारी संघवाद का अनूठा उदाहरण है जहां सरकार पूरी तरह से जन कल्याण के लिए मिलकर काम करती है और इस प्रयास में समन्वय और पहुंच को प्राथमिकता दी जाती है।
अब देखना होगा कि धरातल पर जनजाति के लिए भारत सरकार योजना कितनी कारगर साबित होती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात तो सत्य है अब तक भारत में जितनी भी सरकारें आई, उन सभी ने जनजाति के विकास और उत्थान के लिए बड़े-बड़े बजट बनाए, बड़ी-बड़ी घोषणाएं की, लेकिन धरातल पर उसका कोई सकारात्मक फायदा देखने को नहीं मिला।