गोगामेड़ी मर्डर के बाद सारे संगठन मर्ज होने वाले थे, पद को लेकर भिड़े मकराना-शेखावत

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हैलो सरकार क्राइम रिपोर्टर टीम

राजस्थान की राजधानी जयपुर में राष्ट्रीय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव सिंह शेखावत और श्री राजपूत करणी सेना के महिपाल सिंह मकराना के बीच शुक्रवार रात को विवाद हो गया। दोनों ने एक-दूसरे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया। मारपीट में महिपाल सिंह घायल हो गए।

मारपीट में महिपाल सिंह घायल

विवाद की वजह : संगठनों का आपस में मिलाना और पदों का बंटवारा

वर्तमान में करणी सेना के नाम से 8 से ज्यादा संगठन हैं। पिछले साल समाज के सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद सारे संगठनों ने एक साथ विरोध प्रदर्शन किया और दिल्ली में हुई मीटिंग सारे संगठनों को एक साथ मिलाने की योजना बनाई।

श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने दिल्ली में हुई मीटिंग में करणी सेना के सभी संगठन एक साथ मिलाने का प्रस्ताव रखा था। कई संगठन साथ मिलने को राजी भी हो गए थे, लेकिन एक संगठन बनने के बाद किसको-कौनसा पद मिलेगा, इसको लेकर मतभेद थे।

इनमें से कुछ संगठन साथ में मिलना नहीं चाहते थे, वो अपना अलग से संगठन बनाकर रखना चाह रहे थे। इस दौरान राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष शिव सिंह शेखावत को मकराना से विवाद भी हुआ था।

शिव सिंह शेखावत ने कुछ महीने पहले ही राष्ट्रीय करणी सेना नाम से नया संगठन बनाया था।

शिव सिंह शेखावत ने राष्ट्रीय करणी सेना संगठन बनाया

गुजरात में करणी सेना के अध्यक्ष राज शेखावत हैं। पहले शिव सिंह शेखावत गुजरात के राज शेखावत के साथ मिलकर काम कर रहे थे। इसके बाद शिव सिंह शेखावत ने कुछ महीने पहले राष्ट्रीय करणी सेना नाम से नया संगठन बनाया था।

मकराना और शेखावत में वर्चस्व को लेकर चल रही थी लड़ाई

गोगामेड़ी की हत्या के बाद अब श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना और दूसरी तरफ राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष शिव सिंह शेखावत ही ज्यादा सक्रिय हैं।

संगठन के दूसरे लोग दोनों के बीच समझौता करवा कर दोनों संगठनों को एक ही में मिलाने का प्रयास कर रहे थे। इसको लेकर दोनों संगठन के लोगों में काफी समय से बातचीत चल रही थी।

श्री राजपूत करणी सेना के जिला महासचिव नीरज सिंह राठौड़ ने बताया कि शुक्रवार रात को शिव सिंह शेखावत की तरफ से महिपाल मकराना को फोन किया गया था। फोन पर मकराना को बताया कि वे उनके संगठन में मिलने के लिए तैयार हैं, लेकिन संगठन एक होने के बाद किसके पास कौनसा पद रहेगा, इसको लेकर आपस में बैठकर बात कर लेते हैं।

इस पर महिपाल मकराना, संगठन के भूपेंद्र और प्रदूमान सिंह चित्रकूट स्थित शिव सिंह के ऑफिस गए थे।

नीरज सिंह ने बताया कि चित्रकूट के ऑफिस में शिव सिंह और महिपाल मकराना ने पहले 10 मिनट आपस में बातचीत की थी। फिर बातचीत के बाद उन्होंने महिपाल और उनके साथियों पर हमला कर दिया।

महिपाल सिंह को नहीं पता था कि उन्होंने उन पर हमला करने के लिए ही बुलाया था। महिपाल मकराना के सिर में बंदूक के बट से मारने से तीन टांके आए और रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है।

श्री राजपूत करणी सेना के जिला महासचिव नीरज सिंह राठौड़

मकराना मुझे मारने आया, शेखावत ने कहा –

शिव सिंह शेखावत ने बताया- ‘मकराना का शुक्रवार को मेरे छोटे भाई के पास फोन आया था। कह रहा था कि बैठकर बात कर लेते हैं। सभी बात कर रहे थे। वो शायद नशे में था। इस बीच उसने मेरे ऊपर फायर कर दिया। फायर जमीन पर लगा।’

‘इसके बाद मेरे गनमैन ने इसके सिर पर बंदूक का बट मार दिया। मकराना के साथ तीन लोग और थे। हमने उन सभी को पकड़ लिया। मकराना ने पहले भी मुझे मारने की धमकी दी थी, वो अपने साथियों के साथ मुझ पर हमला करने के लिए ही ऑफिस आया था।’

एफआईआर दर्ज कराई एक-दूसरे के खिलाफ

शेखावत ने कहा कि मकराना चार लोगों के साथ चित्रकूट इलाके में स्थित मेरे कार्यालय में आया और फायरिंग कर दी। इस पर सिक्योरिटी गार्ड और अन्य लोगों ने उसे पकड़ा। उसके साथ मारपीट की।

वहीं, महिपाल सिंह मकराना की पत्नी वर्षा ने शिव सिंह और उनके साथियों पर फायर करने के आरोप लगाए। इस घटना के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं। इनमें दोनों पक्ष मारपीट करते दिख रहे हैं। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ शनिवार सुबह चित्रकूट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने शिव सिंह शेखावत समेत दोनों पक्षों के आठ लोगों को गिरफ्तार किया।

करणी सेना के 8 से ज्यादा संगठन

देशभर में करणी सेना के 8 से ज्यादा संगठन बन गए हैं। लोगों में सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन संगठन को लेकर होता है कि कौनसा संगठन किसका है और कौन उसका अध्यक्ष है। करीब 18 साल पहले यानी 23 दिसंबर 2006 को लोकेंद्र सिंह कालवी ने श्री राजपूत करणी सेना नाम से संगठन की शुरुआत की थी।

बीकानेर जिले में स्थित देशनोक कस्बे के करणी माता मंदिर के नाम पर ‘श्री राजपूत करणी सेना’ संगठन का नाम रखा गया था।

संगठन की सबसे खास बात यह रही कि इसमें उन्होंने अधिकतर 40 से कम उम्र के युवाओं को संगठन में शामिल किया।