मीनेष चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। जन-जन के हृदय सम्राट डॉक्टर किरोडी लाल मीणा के बारे में अब आमजन अपनी जबान से एक ही बात निकालते हैं — ” काश !! बाबा किरोड़ी मुख्यमंत्री होता तो राजस्थान हर क्षेत्र में विश्व का पहला राज्य होता।”
डॉक्टर किरोडी लाल बुधवार को पेपर लीक के मामले को लेकर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) मुख्यालय पहुंचकर एसओजी के प्रमुख वी.के. सिंह को अहम सबूत दिए।
राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके सवाई माधोपुर विधायक डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी के अधिकारियों और RPSC चेयरमैन पर बड़े आरोप लगाए हैं। वे बुधवार दोपहर करीब सवा दो बजे एसओजी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एसओजी के एडीजी वीके सिंह को तीन भर्ती एग्जाम आरएएस, रीट और एसआई में हुए पेपर लीक के सबूत सौंपे। उन्होंने कहा- इन सबूत से एसओजी को बड़े मगरमच्छों को पकड़ने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि एसओजी के कई अधिकारियों के कारण पेपरलीक के खेल का खुलासा नहीं हो पाया।
किरोड़ी मीणा कौनसी भर्तियों के पेपरलीक के दिए सबूत :―
A. राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) भर्ती परीक्षा
B. राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET)
C. पुलिस उप निरीक्षक (SI) भर्ती परीक्षा
RPSC चेयरमैन की भ्रष्टाचार में भूमिका
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किरोड़ी ने कहा- उदाराम और सुरेश ढाका (सीनियर टीचर भर्ती पेपरलीक का मास्टरमाइंड) के पास कई जानकारी है, जिनकी गिरफ्तारी जल्द से जल्द करने के लिए कहा है।
उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा- आरपीएससी चेयरमैन संजय श्रोत्रिय ने भी कई कबाड़े किए हैं, उसकी भी जानकारी एडीजी को दी गई है। उन्होंने कहा- आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के पेपर लीक में शिवसिंह राठौड़ और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्राइवेट लोगों के हाथों में देकर भ्रष्टाचार करने में RPSC के वर्तमान अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की भूमिका है।
उदाराम और सुरेश ढाका को एसओजी इंस्पेक्टर मोहन पोसवाल ने फरार करवा रखा है। जिस दिन – ये पकड़े जाएंगे, पिछली सरकार के 6 से ज्यादा नेता भी पकड़ में आएंगे, जिन्होंने पेपरलीक करवाया है।
– किरोड़ीलाल मीणा
पोसवाल ने अपना मोबाइल जब्त नहीं किया
किरोड़ी ने कहा- कॉन्स्टेबल भर्ती मामले में हुई धांधली को लेकर कोर्ट ने मोहन पोसवाल से पूछा था कि उनको जानकारी कहां से मिली तो मोहन ने कहा कि मेरे मोबाइल पर वॉट्सऐप मैसेज आया था। कोर्ट ने कहा कि क्या आपने अपना मोबाइल जब्त किया, तो पोसवाल ने कहा- जब्त नहीं किया। कोर्ट ने पूछा कि सूचना किसने दी। पोसवाल ने कहा कि मुझे यह जानकारी उदाराम ने दी।
मुझे 10 दिसंबर 2022 को डाक से पेपरलीक के आरोपी भूपेंद्र सारण का लेटर मिला। इस लेटर में उसने बताया कि मुझसे एसओजी के लोगों ने रिश्वत के तौर पर 64 लाख रुपए लिए हैं।
– किरोड़ीलाल मीणा
नेताओं के फोन पर एसओजी के अधिकारियों ने काम किया किरोड़ी ने कहा- एसओजी के उन अधिकारियों की गिरफ्तारी मांग की गई है, जिन लोगों ने राजस्थान के युवाओं के साथ खिलवाड़ किया। जिन नेताओं के फोन पर एसओजी के अधिकारियों ने काम किया, उनकी भी गिरफ्तारी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा- पूर्ववर्ती सरकार ने जमकर नकल माफिया को पनपाया। एसओजी के अधिकारियों ने भी उनका साथ दिया है। एसओजी के उन अधिकारियों का नाम भी एडीजी एसओजी को देकर आया हूं, क्योंकि उनके इशारे पर ही पेपरलीक का यह खेल नहीं खुला, जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग उस दौरान सड़क पर उतरे थे।
एसओजी के लोगों ने जिम्मेदार सीट पर बैठ कर कई बेगुनाहों को फंसाया और आरोपियों को छोड़ दिया। यदि 15 दिन में इन अधिकारियों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया तो में सत्याग्रह करूंगा। –
किरोड़ीलाल मीणा
आरएएस परीक्षा में हेराफेरी के सबूत दिए :―
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने आरएएस भर्ती परीक्षा के सबूत भी सौंपे हैं। डॉ. किरोड़ी ने बताया- उनके हाथ एक कॉपी लगी है, जिसके हर पेज पर नॉट अटेम्प्ट लिखा हुआ है। इसका मतलब है कि जिस रोल नंबर की यह कॉपी है, उसने परीक्षा दी ही नहीं, लेकिन परीक्षा होने के बाद इस कॉपी को भरा गया और जांच करने वाले से उसे पास कराया गया। यह व्यक्ति अभी राजस्थान में आरएएस लगा हुआ है। उन्होंने कहा- कांग्रेस सरकार ने ऐसे दर्जनों लोगों को आरएएस बनाया।
आरएएस-2021 परीक्षा में ये पॉइंट डॉ. किरोड़ी ने एसओजी को सौंपे :―
• भूपेंद्र यादव 1 दिसंबर 2021 को सेवानिवृत हुए और 2 दिसंबर 2021 को शिवसिंह राठौड़ को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ऐसे में आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के प्रश्न-पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी स्वतः ही शिवसिंह राठौड़ पर आ गई।
• शिवसिंह राठौड़ ने कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के बाद 18 दिसंबर 2021 को अपने ट्विटर (X) अकांउट से एक ट्वीट किया। ट्वीट आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के प्रश्न-पत्र द्वितीय के खंड-स भूगोल का 13वां प्रश्न है, जो कि 10 अंक का था यानी शिवसिंह राठौड़ ने आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्रों को पैसे लेकर अपने चहेतों को बेचा।
• रीट में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डी.पी. जारौली ने रामकृपाल मीणा, प्रदीप पाराशर राजीव गांधी स्टडी सर्किल के निजी शिक्षकों को जिम्मेदारी दी। इस कारण रीट का पेपरलीक हुआ।
मेरे हाथ में एक कॉपी लगी है, जिसके हर पेज पर नॉट अटेम्प्ट लिखा है। यानी जिस रोल नंबर की यह कॉपी है, उसने परीक्षा दी ही नहीं। परीक्षा के बाद इस कॉपी को भरा गया और उसे पास कराया गया।
– किरोड़ीलाल मीणा
आरएएस परीक्षा-2018 में तत्कालीन अध्यक्ष शिवसिंह राठौड़ की भूमिका पर संदेह
किरोड़ी ने आरएएस-2018 भर्ती परीक्षा को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई 2021 को इसका रिजल्ट घोषित करना था। इसके बाद आरटीआई के तहत कॉपी को वेबसाइट पर अपलोड करने का काम करना था, लेकिन ये काम 6 महीने बाद यानी 2 दिसंबर 2021 को शिवसिंह राठौड़ के कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के बाद किया गया। 17 दिसंबर 2021 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसके बाद ये कॉपी 10 जनवरी 2022 से 30 अप्रैल 2022 तक अपलोड की गई।
RAS-2018 के परिणाम के बाद भी उत्तर पुस्तिकाओं में कई अभ्यर्थियों के द्वारा छोड़े गए प्रश्नों के उत्तर बाद में लिखवाए गए। उदाहरण के तौर पर रोल नंबर 804088 के आरएएस-2018 की मुख्य परीक्षा के प्रथम प्रश्न पत्र में 30 अंक से अधिक प्रश्नों में N.A (नॉट अटेम्प्ट) लिखा हुआ है। जब अभ्यर्थी अच्छे अंक/ रैंक लाने में कामयाब नहीं हुआ तो तत्कालीन चेयरमैन शिवसिंह राठौड़ ने उत्तर पुस्तिका अपलोड कराने में जानबूझकर देरी की और परीक्षार्थी को उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराकर छूटे हुए प्रश्नों में उत्तर भरवाए।
इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं को अपलोड करवाया। अभ्यर्थी ने तत्कालीन चेयरमैन शिव सिंह राठौड़ को लिखित में इसकी शिकायत कर अपनी कॉपी की जांच करवाने की मांग की, जिसे शिवसिंह ने तुरंत मानकर कॉपी को दोबारा चेक करवाया। इसमें नंबर बढ़ने पर अभ्यर्थी अच्छी रैंक लाकर आरएएस बनने में कामयाब रहा।
शिव सिंह राठौड़ ने पैसे लेकर RAS मुख्य परीक्षा में कम अंक प्राप्त करने वाले सैकड़ों अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में रिकॉर्ड तोड़ 70% से 80% नंबर दिए। इनमें बड़े-बड़े नेताओं और अफसरों के रिश्तेदार शामिल हैं।
– किरोड़ीलाल मीणा
5 महीने पहले 400 कैंडिडेट की सौंप चुके लिस्ट पांच महीने पहले किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी ऑफिस पहुंचकर एसआई भर्ती 2021 में नकल गिरोह से जुड़े सबूत पेश किए थे। उन्होंने एसओजी एडीजी वीके सिंह को भर्ती में करीब 400 अभ्यर्थियों का पेपर लीक से फर्जी चयन होने के डॉक्युमेंट दिए। इसके अलावा उन्होंने आरएएस-2018 और 2021 में भी अभ्यर्थियों का फर्जी चयन होने का दावा करते हुए सबूत दिए और जांच की मांग उठाई थी।
गौरतलब है कि किरोड़ी लाल ने इससे पहले ईडी में भी जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर दस्तावेज दिए थे। इसके बाद ईडी ने इस केस में एक के बाद एक बड़े ठेकेदारों और अधिकारियों को गिरफ्तार किया।