मीनेष चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी जी ने बुधवार को जोधपुर से मेड़ता में मीरा महोत्सव में भाग लेने जाते समय दांतीवाड़ा-पीपाड़-मेड़ता सिटी (एसएच-21) का आकस्मिक निरीक्षण किया। उनके साथ सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री प्रवीण गुप्ता भी मौजूद थे। उपमुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद इंजीनियर और अधिकारियों को हाईवे का काम गुणवत्तापूर्वक तरीक़े से करने, गांव तथा आबादी क्षेत्र के आसपास ड्रेनेज सिस्टम का ध्यान रखने और समयबद्ध तरीक़े से पूरा करने के निर्देश दिये।
मौके पर जाकर करें निरीक्षण :-
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे नियमित रूप से मौके पर जाकर निरीक्षण करें तथा काम की गति सुनिश्चित करे। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान में आधारभूत ढाँचे का विकास ही विकसित-राजस्थान की नींव है।
एशियन विकास बैंक की वित्तीय सहायता :-
दांतीवाड़ा-पीपाड़-मेड़ता सिटी (एसएच-21) का विकास व रखरखाव कार्य एशियन विकास बैंक की वित्तीय सहायता द्वारा राजस्थान राज्य राजमार्ग प्राधिकरण, जोधपुर द्वारा करवाया जा रहा है। इस राज्य राजमार्ग की कुल लंबाई 86.7 किमी है। उक्त कार्य की कुल लागत 211 करोड़ रुपए है तथा उक्त परियोजना में 5 ग्रामो के आबादी क्षेत्र में सीसी सड़क के निर्माण के लिए कुल 15.92 करोड़ रुपए अतिरिक्त स्वीकृत किए गए हैं। उक्त परियोजना से जोधपुर से नागौर जिले के मेडता सिटी आने-जाने वाले आवागमन के साधनों को सुविधा होगी। उक्त परियोजना में प्रभावित ग्राम में आबादी क्षेत्र में कुल 17.670 किमी लंबाई में चार लेन सड़क मय नालिया बनाए जाने का प्रावधान किया गया है। जिसमे ग्राम बेनण,बूचकला, बांकलिया, रिया, पीपाड़ सिटी, सातलावास, बीटन, बोरुंदा, इंदावड,मेड़ता सिटी शामिल है। उक्त परियोजना में ग्राम नानण व मादलिया में बाइपास का निर्माण भी किया जाना है। उक्त परियोजना में कुल 7 माइनर ब्रिज व 1 मेजर ब्रिज का निर्माण किया जाना है तथा कुल 34 बस स्टॉप बनाए जाने का निर्णय लिया गया है।
समय-समय पर गुणवत्ता की हो जांच :-
राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने सड़क का शेष कार्य भूमि अवाप्ति से बाधित होने के कारण शुरू नहीं किया जाना बताया । इसके समाधान के लिए प्रमुख सचिव गुप्ता ने मौके पर मौजूद उपखंड अधिकारी, पीपाड़ शहर व उपखंड अधिकारी, मेड़ता सिटी को टेलीफोन पर समय पर कब्जा सुपुर्दगी के निर्देश दिये। प्राधिकरण के अधिकारियों को स्वयं समय-समय पर गुणवत्ता की जांच कर सड़क पूर्ण करवाने के निर्देश दिये।