हो गया सहकारी बैंकों का डिजिटिलीकरण

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रवि प्रकाश जूनवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख


  नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आदेश के अनुसार, सभी सहकारी बैंक कोर बैंकिंग समाधान (CBS) पर काम कर रहे हैं। शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए आरबीआई ने राष्ट्रीय स्तर पर एक अम्ब्रेला संगठन के गठन के लिए अपनी नियामक स्वीकृति प्रदान की थी, जिसका उद्देश्य उनकी परिचालन दक्षता को बढ़ाना और उन्हें अत्याधुनिक आईटी समाधान प्रदान करना था।

गौरतलब है कि इस संबंध में, शहरी सहकारी बैंकों के लिए राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम (एनयूसीएफडीसी) नामक एक अम्ब्रेला संगठन का गठन किया गया है। आरबीआई ने 08.02.2024 को एनयूसीएफडीसी को गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफआई) के रूप में काम करने के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र (CoR) प्रदान किया है, जिसका उद्देश्य सामूहिक शक्तियों का लाभ उठाकर शहरी सहकारी बैंकों के डिजिटलीकरण में तेजी लाना, तकनीकी समीक्षा करना, सहयोग को बढ़ावा देना, नवाचार को बढ़ावा देना अम्ब्रेला संगठन को भारतीय रिजर्व बैंक के तहत एक स्व-नियामक संगठन के रूप में कार्य करने के लिए 300 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी हासिल करनी है। एनसीडीसी ने चुकता पूंजी का 20% योगदान देने पर सहमति व्यक्त की है।
इसी तरह, नाबार्ड जो ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए पर्यवेक्षण एजेंसी है, ग्रामीण सहकारी बैंकों के आईटी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। इस संबंध में, नाबार्ड ने सहकारिता मंत्रालय और आरबीआई के साथ निकट समन्वय में ग्रामीण सहकारी बैंकों (आरसीबी) को डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के लिए एक साझा सेवा इकाई (एसएसई) बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है।


इसके अलावा, पैक्स को मजबूत करने के लिए, भारत सरकार द्वारा ₹2,516 करोड़ के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ कार्यात्मक पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के लिए परियोजना को मंजूरी दी गई है, जिसमें देश के सभी कार्यात्मक पैक्स को एक सामान्य ईआरपी आधारित राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर पर लाना, उन्हें एससीबी और डीसीसीबी के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ना शामिल है। अब तक, परियोजना के दौरान ₹794 करोड़ (लगभग) की राशि वितरित की गई है।
दीर्घकालिक सहकारी ऋण ढांचे को मजबूत करने के लिए 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबी) के कम्प्यूटरीकरण परियोजना को सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है। इस संबंध में, हार्डवेयर की खरीद, डिजिटलीकरण और सहायता प्रणाली की स्थापना के लिए वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2024-25 में 8 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 4.26 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई।
सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।