मीनेष चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। कुछ दिनों से शांत चल रहे राजस्थान प्रदेश फिर आंदोलनों की आग की लपटे आने वाले समय में फैलने की प्रबल संभावना बनी हुई है।
जी हां, यह बात पूरी सौलह आने सही साबित हो सकती हैं। नई सरकार का गठन राजस्थान प्रदेश में अभी कुछ दिनों पहले हुआ था। सरकार के रूटीन का काम धीरे-धीरे पटरी पर आने लग गया था।
लेकिन राजस्थान पुलिस विभाग में आरक्षित वर्गों की आयु सीमा को लेकर दिनांक 18 जुलाई 2024 का सरकारी आदेश एक बार फिर राजस्थान प्रदेश की जनता को आंदोलन करने के लिए मजबूर कर सकता है।
गौरतलब है कि कांग्रेसी विधायक हरीश चौधरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर बताया कि ” राजस्थान पुलिस सेवा में ओबीसी वर्ग को आयु में मिलने वाले पाँच वर्ष की शिथिलता के नियम को ख़त्म कर सरकार ने एक बार फिर अपनी राजशाही सोच को दर्शाया है। क्या अब भी हम चुप रहे ? नही, नही, नही। सरकार के हर अन्याय के विरुद्ध हम सड़क से लेकर सदन तक संगठित होकर लड़ाई लड़ेंगे। ” इस प्रकार हरीश चौधरी ने अपने ट्वीट में चुप नहीं रहने की बात को तीन बार दोहराया है।
हरीश चौधरी के ट्वीट को लेकर काफी लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है। वर्डस्पीक्स नामक यूजर ने हरीश चौधरी को रिप्लाई करते हुए ट्वीट किया – ” जरूरत हैं हम सबको एक होने की, समय रहते नहीं संभले तो…आने वाले समय में चौधरी साहब की तरह हमारे हकों के लिए लड़ने वाला कोई योद्धा नहीं होगा, हम सरकार के तलवे तले हमेशा के लिए कुचल दिए जाएंगे हम सब मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे कि सरकार की ईंट से ईंट बजाकर रख देंगे ! ” ठीक इसी प्रकार एक यूजर ने हरीश चौधरी को रिट्वीट किया —
इस प्रकार बड़ी संख्या में हरीश चौधरी के ट्वीट को हैंडल करते हुए लोगों में आक्रोश की भावना देखने को मिल रही है। यदि समय रहते हुए राजस्थान सरकार आयु सीमा को लेकर उचित रास्ता नहीं निकालती है तो यह कहना गलत ना होगा कि राजस्थान में बहुत बड़ा आंदोलन होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।