शैक्षणिक और अनुसंधान प्रतिष्ठानों के साथ भारतीय मानक ब्यूरो का सहयोग होगा संस्थागत

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मीनेष चन्द्र मीना
हैलो सरकार  ब्यूरो प्रमुख

  दिल्ली/बैंगलोर/जयपुर। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु में ‘बीआईएस मानकीकरण चेयर प्रोफेसर’ की स्थापना के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने आईआईएससी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है। 3 जुलाई, 2024 को औपचारिक रूप से शुरू की गई यह पहल भारत भर में प्रमुख शैक्षणिक और अनुसंधान प्रतिष्ठानों के साथ बीआईएस के सहयोग को संस्थागत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


बीआईएस मानकीकरण चेयर प्रोफेसर का उद्देश्य बीआईएस और आईआईएससी के बीच एक मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देना है, जो समानता और पारस्परिकता के सिद्धांतों पर मानकीकरण और उत्पाद के अपने गुणों के अनुरूप होने में सहयोगी कार्यों को बढ़ावा देता है। यह सहयोग मानकों के निर्माण में सक्रिय शैक्षणिक भागीदारी को सुरक्षित करने और भारतीय मानकों को पढ़ाने को अकादमिक पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग बनाने के लिए एक रणनीतिक कदम है।


आईआईएससी में बीआईएस मानकीकरण चेयर की स्थापना से कई सहयोगी प्रयासों के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करने की उम्मीद है, जिनमें शामिल हैं:
मानकीकरण पाठ्यक्रम का एकीकरण: मानकों के महत्व और एप्‍लिकेशन पर भावी पेशेवरों को शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए शैक्षणिक कार्यक्रमों में मानकीकरण विषयों को शामिल करना।
मानकीकरण गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी: बीआईएस की तकनीकी समितियों के साथ भागीदारी के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण प्रयासों में शिक्षाविदों को शामिल करना।
अनुसंधान एवं विकास के लिए बुनियादी ढांचे से जुड़ी सहायता: मानकीकरण और उत्पाद के अपने गुणों के अनुरूप होने से संबंधित अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करना। 
कार्यक्रमों की सह-आयोजन: मानकीकरण में ज्ञान साझाकरण और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशालाएं, संगोष्ठियां और व्याख्यान आयोजित करना। 
ज्ञान साझा करना: मानकीकरण और उत्पाद के अपने गुणों के अनुरूप होने की जानकारी के भंडार में योगदान करने के लिए अनुसंधान और निष्कर्षों को प्रकाशित करना।
उत्कृष्टता केन्द्रों की खोज: मानकीकरण, परीक्षण और उत्‍पाद के अपने गुणों के अनुरूप होने के लिए समर्पित उत्कृष्टता केन्‍द्रों की स्थापना की जांच करना।
प्रयोगशाला सुविधाएं: अनुसंधान और परीक्षण पहलों का समर्थन करने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला सुविधाओं को साझा करना। 


आईआईएससी के साथ यह समझौता ज्ञापन भारत भर के प्रमुख संस्थानों के साथ सहयोग करने के लिए बीआईएस द्वारा की गई एक बड़ी पहल का हिस्सा है। आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी मद्रास, एनआईटी राउरकेला और एनआईटी त्रिची जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ इसी तरह के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ये सहयोग अकादमिक विशेषज्ञता को जोड़कर और मानकीकरण में अनुसंधान व नवाचार को बढ़ावा देकर मानक निर्माण प्रक्रिया को बढ़ाते हैं।
इस अवसर पर, बीआईएस के महानिदेशक श्री प्रमोद कुमार तिवारी ने आईआईएससी के साथ साझेदारी के बारे में अपना पूर्वानुमान व्यक्त किया। बीआईएस के महानिदेशक ने कहा, “आईआईएससी और बीआईएस के बीच समझौता ज्ञापन अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाने, मानकीकरण प्रक्रिया में युवा प्रतिभाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और संयुक्त रूप से शैक्षिक और व्यावसायिक कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से मानक निर्माण गतिविधियों को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत और उन्नत करेगा। हम आशा करते हैं कि प्रौद्योगिकी नवाचार और मानकों के विकास को प्रौद्योगिकी-उन्मुख उत्पादों व सेवाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए सहज तरीके से जोड़ा जाएगा।”
आईआईएससी के निदेशक प्रो. गोविंदन रंगराजन ने भी इस पहल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आईआईएससी बीआईएस के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करेगा। उन्‍होंने शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से मानकीकरण के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
बीआईएस और आईआईएससी के बीच इस सहयोग से मानकीकरण एवं उत्‍पाद के अपने गुणों के अनुरूप होने के कारण महत्वपूर्ण प्रगति होने की उम्मीद है, जो अंततः भारत में सुरक्षित, अधिक विश्वसनीय उत्पादों और सेवाओं के विकास में योगदान देगा। अकादमिक और शोध ढांचे में मानकीकरण को जोड़कर, बीआईएस और आईआईएससी का लक्ष्य पेशेवरों की एक नई पीढ़ी तैयार करना है जो मानकों के महत्वपूर्ण महत्व से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
बीआईएस मानकीकरण चेयर प्रोफेसर और बीआईएस एवं आईआईएससी के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के बारे में अधिक जानकारी बीआईएस वेबसाइट www.bis.gov.in पर देखी जा सकती है।