डॉ. किरोडी लाल की नाराज़गी : फर्जी डॉक्टर बनाने वालों को हथकड़ी क्यों नहीं ? लीपापोती से नहीं चलेगा काम

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मीनेष चन्द्र मीना
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख
जयपुर। जन-जन के हृदय सम्राट डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा ने सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा पर मंत्रियों की कमेटी बनाने और फर्जी डॉक्टर मामले में मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार को केवल सस्पेंड करने पर सवाल उठाए हैं। किरोड़ी ने कहा- सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा मामले में पांच मंत्रियों की कमेटी बना दी। मंत्रियों की कमेटी का क्या अर्थ है? परीक्षा रद्द होनी चाहिए।


एडवोकेट जनरल की राय –  सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा रद्द हो :-
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार को एडवोकेट जनरल ने राय दी थी कि सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा रद्द होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के कई ऐसे फैसले हैं कि परीक्षा से पहले पेपर लीक हो जाए तो परीक्षा रद्द होनी चाहिए। पता नहीं क्यों ऐसा कर रहे हैं, मुझे बड़ा दुख है इस बात का। जनता में इस बात का गलत मैसेज जाता है।
मंत्रियों की कमेटी का क्या अर्थ :-
बाबा ने जोर देकर कहा कि – मैं एसआई भर्ती रद्द करने के लिए तीन बार मुख्यमंत्री भजनलाल को कह चुका हूं। उस दिन कैबिनेट बैठक में इसलिए गया था कि परीक्षा रद्द होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मुझे कहा था कि समय पर करेंगे। लेकिन, अब एक कमेटी बैठा दी तो समझ से बाहर है कि ऐसा मुख्यमंत्री जी क्यों कर रहे हैं? हर आदमी की समझ से बाहर है।


मैं एसआई भर्ती रद्द करने के लिए मुख्यमंत्री से बराबर कह रहा हूं। मैं तीन बार मुख्यमंत्री को कह चुका हूं।
किरोड़ीलाल मीणा

बाबा ने सरकार को चेताया – लीपापोती से काम नहीं चलेगा
डॉ किरोड़ी बाबा ने सरकार को चेताया कि – फर्जी डॉक्टर बनाने के मामले में मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया। लेकिन, उनको हथकड़ी लगाकर बाजार में क्यों नहीं घुमाते। जनता को पता लगे कि वे जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सस्पेंड क्या होता है। सस्पेंशन तो कोई पनिशमेंट नहीं है? ऐसे लीपापोती से काम नहीं चलेगा। आम गरीब का तो आप हथकड़ी लगाकर जुलूस निकाल देते हो, भेदभाव सही नहीं है।
मामले को दबाने से सरकार की बदनामी :-
” मैंने फर्जी डॉक्टर मामले में सीएमओ लेवल पर लेटर दे दिया था। मुख्यमंत्री से बात करूंगा किस लेवल पर वह पत्र दब गया। सीएम ने मेरे सामने कार्रवाई के लिए कह दिया था। इतने गंभीर मामलों को अधिकारी दबा दें, यह सरकार को बदनाम करने के सिवा कुछ नहीं करने वाले हैं।
मैं बहुत दुखी हूं, सरकार इसे भुलाए जा रही किरोड़ी ने कहा- एसआई भर्ती को लेकर बनी कैबिनेट सब कमेटी तो एक्सपर्ट नहीं है। इसमें एक-दो डॉक्टर बैकग्राउंड और पुलिस बैकग्राउंड के मंत्री होते तो बेहतर होता। इसमें पूछताछ का तरीका क्या होगा, किससे पूछेंगे। जब आरपीएससी के दो मेंबर जेल में हैं। एक ने तो यह कह दिया कि सात दिन पहले मैंने रामूराम राईका को पेपर दिया था। इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा? बाबूलाल कटारा कह रहा है कि 7 दिन पहले पेपर दे दिया था। मैंने तीनों आरपीएससी के अध्यक्षों के प्रमाण दे दिए। मैं बहुत दुखी हूं इस बात से कि सरकार बिना बात इसको भुलाए जा रही है।


आज में घी डालने का काम कर रहे हैं डोटासरा :-
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा – सीएम की बातों से मंत्री ही संतुष्ट क्यों नहीं ?


आपको बता दें, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने किरोड़ी के बयान पर सरकार पर तंज कसा। डोटासरा ने X पर लिखा- जब एक मंत्री कहे कि सरकार का मुखिया लीपापोती कर रहा है तो इसके क्या मायने हैं? जब एक मंत्री अपने ही मुख्यमंत्री की निर्णय क्षमता पर सवाल उठाए तो इसके क्या मायने हैं?

आखिर मुख्यमंत्री इतने लाचार और मजबूर क्यों हैं और किन ‘मगरमच्छों’ से डर रहे हैं? जब SOG कह रही है, मंत्री कह रहे हैं, अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) कह रहे हैं तो फिर SI भर्ती निरस्त करने को लेकर उन्हें कौन रोक रहा है? मुख्यमंत्री की बातों से उनके मंत्रिमंडल का एक सदस्य ही संतुष्ट नहीं है, तो न्याय और नौकरी के इंतजार में बैठे युवा उनकी बातों पर कैसे भरोसा करेंगे?

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