109 बीजों की किस्में को जारी करेंगे प्रधानमंत्री : क्लीन प्लांट प्रोग्राम के लिए 1,700 करोड़ रू. की मंजूरी

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रवि प्रकाश जूनवाल
हैलो सरकार ब्यूरो प्रमुख


नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली में 109 बीजों की किस्में को जारी करेंगे।


श्री चौहान ने बताया कि आज सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पूसा, दिल्ली में 109 किस्मों को जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा। आज लगभग 50% लोगों को रोजगार कृषि क्षेत्र देता है। किसान अगर उत्पादक है तो सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। किसान कुछ खरीदता है, उससे जीडीपी बढ़ती है।
किसान हैं सर्वोच्च प्राथमिकता :-
प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता किसान हैं। हम कहते रहे हैं कि किसानों की आय बढ़ाएंगे, कृषि क्षेत्र को मजबूत करेंगे और आय बढ़ाने का जो रोडमैप है –

1 – उत्पादन बढ़ाना

2 – उत्पादन लागत घटाना

3 – कृषि उत्पाद का ठीक दाम देना

4 – प्राकृतिक आपदा में नुकसान की क्षतिपूर्ति

5 – कृषि का विविधीकरण, केवल परंपरागत फसल नहीं, फल, फूल, औषधि, मधुमक्खी पालन, वैल्यू ऐडिशन। कच्चे माल से विभिन्न चीजें बनाना

6 – प्राकृतिक खेती

इन 6 आयामों पर हम  प्रधानमंत्री के नेतृत्व में निरंतर काम कर रहे हैं।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उत्पादन बढ़ाना और लागत घटाना है तो अच्छे बीज चाहिए। जलवायु परिवर्तन के कारण धरती की सतह का तापमान बढ़ रहा है। हमें ऐसे बीजों की जरूरत है, जो जलवायु अनुकूल हों, उचित पैदावार दे सकें, कीटनाशकों का प्रयोग कम हो। बीज उत्पादित करना, बीज बनाना अनुसंधान कर के, यह काम बहुत महत्वपूर्ण है। ICAR निरंतर इस काम में लगा है। पिछले दिनों 109 किस्में बीजों की तैयार की गई हैं। अनाज की 23, अनाज में चावल की 9, गेहूं की 2, जौ की 1, मक्का की 6, ज्वार की 1, बाजरा की 1, रागी की 1, छीना की 1, सांबा की 1, अरहर की 2, चने की 2, मसूर की 3, मटर की 1, मूंग की 2, ओवरऑल तिलहन की 7 किस्में। चारे की 7 किस्में, गन्ने की 7 किस्में, कपास की 5, जूट की एक, बागवानी की 40 किस्में।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने अनुसंधान करके अधिक उत्पादन देने वाली, धान की ऐसी किस्म भी तैयार की है, जिसमें 20% कम पानी लगेगा। उत्पादन के साथ कीटों का कम प्रकोप हो, वो प्रयत्न भी किया गया है।


आज 109 किस्मों को जारी करेंगे प्रधानमंत्री :-
11 अगस्त को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पूसा, दिल्ली में 109 किस्मों को जारी करेंगे। अलग एग्रो क्लाइमेटिक ज़ोन के लिए अलग किस्म हैं। एरिया स्पेसिफिक फसलों के लिए बीजों की किस्म तैयार की गई है। रिलीज करने का कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं हो रहा है बल्कि प्रधानमंत्री खेत में ही जाकर फसलों को रिलीज करेंगे। कल ICAR के खेतों में प्रधानमंत्री जाएंगे और तीन स्थानों पर बीजों की किस्मों को रिलीज करेंगे। लैब टू लैंड, विज्ञान सीधे किसान तक पहुँचें, रिसर्च का फायदा किसान तक पहुँच जाए। सब एक जगह हो, यह प्रयत्न किया गया है।


इस साल 1 लाख 70  हजार करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान :-
श्री चौहान ने कहा कि मुझे कहते हुए खुशी है, कृषि बजट जो यूपीए की सरकार में लगभग 27 हजार करोड़ रू. हुआ करता था, वो एलाइड सेक्टर्स का मिलाकर अब 1.52 लाख करोड़ रुपये है। पिछले साल 1 लाख 95 हजार करोड़ की सब्सिडी फर्टिलाइजर पर प्रदान की गई थी। इस साल 1 लाख 70  हजार करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान है लेकिन खपत बढ़ेगी तो ये बढ़ भी जाएगी।


इस साल 2,625 करोड़ का विशेष पैकेज :-
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस साल 2,625 करोड़ का विशेष पैकेज अन्तराष्ट्रीय परिस्थिति के कारण खाद के जहाजों को घूमकर आना पड़ता है। इसमें समय भी लगता है, वो भार किसान पर न आये, इसके लिए यह विशेष पैकेज दिया गया है। एग्रीकल्चर में सिंचाई महत्वपूर्ण है, इसके लिए जलशक्ति मंत्रालय का बजट है, ये खेत के पानी के लिए भी होता है।


ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों के 2 करोड़ घर बनेंगे :-
उन्होंने कहा कि कृषि में अभूतपूर्व प्रावधान किया गया है। कैबिनेट में गरीबों के 2 करोड़ घर ग्रामीण क्षेत्र में बनाने का प्रावधान किया है।


क्लीन प्लांट प्रोग्राम के लिए 1,700 करोड़ रू. की मंजूरी :-
श्री चौहान ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बागवानी भी महत्वपूर्ण है। फल के जो पौधे होते हैं, वो बीज से नहीं, कलम से बनते हैं अगर मूल कलम में वायरस हो, तो उससे दूसरे कलमों में भी वायरस हो जाते हैं। इसके लिए क्लीन प्लांट प्रोग्राम के लिए 1,700 करोड़ रू. की मंजूरी दी गई है। हम किसानों को जो बागवानी के क्षेत्र में फलों की खेती करेंगे, उसके लिए पूरा एक सिस्टम है, उसके लिए 9 सेंटर बनाए जाएंगे। कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में निरंतर बेहतर करने का प्रयास चल रहा है।